Banking Updates: कर्जदारों के संपत्ति के दस्तावेजों के साथ लापरवाही करने या उन्हें खोने पर बैंकों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) जुर्माना लगा सकता है। केन्द्रीय बैंक की ओर से गठित बीपी कानूनगो कमिटी ने यह प्रस्ताव पेश किया है कि, “यदि कोई बैंक या कोई भी लेंडिंग इन्स्टिच्यूशन किसी भी लोन लेने वाले ग्राहक के प्रॉपर्टी के कागजात खो देता है तो उसपर जुर्माना लगाना चाहिए।” यदि आरबीआई कमिटी के प्रस्ताव को स्वीकार सकता है तो जल्द ही यह नियम लागू हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दस्तावेजों को वापस करने में देरी पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही बैंकों को ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर कर्जदारों को मुआवजा देना पड़ सकता है। फिलहाल, इस प्रस्ताव पर आरबीआई विचार-विमर्श कर रहा है। बता दें कि लोन देते समय आमतौर पर बैंक संपत्ति के ऑरिजनल पेपर्स मांगते है और तब तक रखते हैं, जब तक लोन का भुगतान न हो जाए।
मई, 2022 में केन्द्रीय बैंक द्वारा ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के लिए विनियमित संस्थाओं के ग्राहकों की सेवाओं की देखरेख और जांच के लिए बीपी कानूनगो की अध्यक्षता में 6 सदस्यों की कमिटी का गठन किया गया था। 5 जून को कमिटी ने एक रिपोर्ट में इन सुझावों को आरबीआई के समक्ष रखा है।
सेंट्रल बैंक के पास कर्जदारों के दस्तावेज गायब होने के कई शिकायतें आई हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए पैनल ने पेनल्टी लगाने और मुआवजे का प्रस्ताव पेश किया है। कमिटी की इन सिफारिशों पर आरबीआई ने 7 जुलाई तक टिप्पणी मांगी है। RBI कर्जदाताओं और बैंकों को दस्तावेज वापस करने के लिए एक समय सीमा भी तय कर सकता है।