Mutual Fund के जरिए टैक्स बचाने की है कोशिश, तो ये म्यूचुअल फंड है सबसे सही

Pooja Khodani
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ELSS Mutual Fund : म्यूचुअल फंड बीते कुछ समय से इन्वेस्टर का पसंदीदा इंवेस्टमेंट ऑप्शन बनकर उभरे हैं। आम तौर पर ये मान लिया जाता है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक नुकसान ये होता है कि इनसे टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता, लेकिन एक ऐसा म्यूचुअल फंड भी है जो टैक्स बेनिफिट आसानी से देता है।  ये म्यूचुअल फंड है ईएलएसएस फंड।

क्या है ईएलएसएस फंड

इस फंड का पूरा नाम है इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम। ये एक किस्म का म्यूचुअल फंड ही होता है, जो खासतौर पर इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रुमेंट में इंवेस्ट करते हैं। सेबी के अनुसार, ईएलएसएस फंड को अपने कुल एसेट का कम से कम 80 फीसदी इक्विटी और इक्विटी-रिलेटेड सिक्योरिटीज में निवेश करना पड़ता है।

ईएलएसएस फंड के फायदे

ईएलएसएस फंड को आमतौर पर टैक्स सेव करने वाले इक्विटी फंड के रूप में ही जाना जाता है, क्योंकि वे इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स बेनेफिट दिलाते हैं। इन फंडों में निवेश की तारीख से लेकर तीन साल तक का इनका लॉक-इन होता है, जो सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बचाने वाले बाकी सभी तरीकों से कम है। ये इक्विटी फंड बाजार पूंजीकरण, सेक्टर और थीम के अनुसार अलग-अलग शेयरों का एक डायवर्स पोर्टफोलियो दे सकते हैं, आप ईएलएसएस में लम्पशम्प या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए निवेश कर सकते हैं।

मिलेंगे कौन से टैक्स बेनेफिट?

  • ईएलएसएस ऐसी एकमात्र म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन के दायरे में आती है।
  • इस सेक्शन के अनुसार, ईएलएसएस में किये गए इंवेस्टमेंट पर एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है।
  • ईएलएसएस फंडों में तीन साल का लॉक-इन होता है, इसलिए खुद-ब-खुद उनके ऊपर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भी लग ही जाता है।
  • यह आमतौर पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की तुलना में कम होता है और अधिक आकर्षक होता है।
  • एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं लगता है और 1 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 10 फीसदी टैक्स लगता है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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