RBI Imposes Monetary Penalty: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने देश के दो बड़े बैंकों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। नियमों का उल्लंघन करने पर आरबीआई ने बैंक आफ इंडिया (BOI) और बंधन बैंक (Bandhan Bank) पर 1.5 करोड़ अधिक का जुर्माना ठोका है। केन्द्रीय बैंक ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 विभिन्न प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की है।
बैंक आफ इंडिया ने किया कई नियमों का उल्लंघन
Bank of India मुख्य पब्लिक सेक्टर बैंकों में से एक है। आरबीआई ने 26 फरवरी 2024 को जारी किए गए एक आदेश द्वारा 1 करोड़ 40 लाख 76 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। दरअसल, 31 मार्च 2021 और 31 मार्च 2022 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण द्वारा किया गया था। इस दौरान पाया गया कि बैंक ने कई निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है। अतिरिक्त जांच के बाद BOI मौद्रिक जुर्माना लगाया गया।
- बैंक ने पहले से बताई गई ब्याज दरों की अनुसूची के अनुसार कुछ सावधि जमा खातों में ब्याज का भुगतान नहीं किया।
- ग्राहकों से अन्य मोबाइल नंबरों के आधार पर एसएमएस अलर्ट शुल्क लगाया ना की वास्तविक प्रयोग के आधार पर।
- निर्धारित आवधिकता पर एमसीएलआर और बाहरी बेंचमार्क से जुड़े एडवांस में ब्याज दरों को रिसेट करने में भी विफल रहा।
- कुछ फ्लोटिंग रेट खुदरा लोन और एमएसएमई को फ्लोटिंग रेट लोन पर ब्याज को बाहरी बेंचमार्क दर पर बेंचमार्क करने में भी बैंक विफल रहा।
- सीआरआईएलसी को कुछ बड़े उधारकर्ताओं से संबंधित डेटा रिपोर्ट करने में लापरवाही की।
- क्रेडिट सूचना कंपनियों को सटीक जानकारी प्रस्तुत करने में भी बैंक फेल हुआ।
बंधन बैंक पर क्यों लगा जुर्माना?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 4 मार्च 2024 को जारी किए गए का आदेश द्वारा बंधन बैंक लिमिटेड पर 29.55 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। 31 मार्च 2022 को वैधानिक निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बैंक ने कई कर निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है। बैंक “जमा पर ब्याज दर दिशा निर्देश 2016” पर जारी किए गए कुछ निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहा। बैंक पर अपात्र इकाई के बचत जमा खाते को खोलने से संबंधित आरोप लगाए गए हैं।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर
आरबीआई ने जुर्माना लगाने से पहले दोनों बैंकों को नोटिस जारी किया था और पूछा था कि, “निर्देशों का पालन न करने के लिए उन पर जुर्माना क्यों ना लगाया जाए?” बैंकों के जवाब और अतिरिक्त जांच के बाद ही बैंकों पर पेनल्टी लगाने का निर्णय केन्द्रीय बैंक ने लिया है। हालांकि कार्रवाई का असर बैंक और ग्राहक के बीच हो रहे लेनदेन या समझौते पर नहीं पड़ेगा।