नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की रेपो रेट पर नई अपडेट सामने आई है।एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक, जून में आरबीआई रेपो रेट बढ़ा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ग्रोथ के मुकाबले मुद्रास्फीति को प्राथमिकता पर रखते हुए जून में रेपो दर में कम से कम 25 (चौथाई फीसद) की बढ़ोतरी कर सकता है।अगर ऐसा हुआ तो होम लोन महंगे हो सकते है।
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट ईकोरैप (Ecowrap) का अनुमान है कि आरबीआई जून के महीने की शुरुआत में रेपो रेट (Repo rate) 50 बेसिक पॉइन्टस (bps) तक बढ़ा सकता है, उसे जून और अगस्त (प्रत्येक महीने) में 25 बीपीएस की वृद्धि की उम्मीद है, जिससे कि इस चक्र (Cycle) में 75 बीपीएस की कम्यूलेटिव रेट हाइक हो सकती है। रेपो रेट बढ़ने से बैंक से मिलने वाले लोन की ब्याज दरों पर असर पड़ेगा और होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ईएमआई बढ़ जाएगी, वही बैंकों की ब्याज दर में 50 अंक तक का इजाफा हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, एडवांस अर्थव्यवस्थाओं और एशियाई पीयर्स में यील्ड्स के बढ़ने की भी संभावना हैष सितंबर तक जी-सेक यील्ड 7.75% तक पहुंच सकती है। वही आरबीआई गैर-पारंपरिक नीतिगत उपायों के माध्यम से जी-सेक यील्ड को 7.5% पर सीमित रखेगा। जून 2022 के बाद GST (माल और सेवा कर) मुआवजे का कोई विस्तार और इसे पूरा करने के लिए कोई अतिरिक्त उधारी होगी या नहीं, यह अभी कहा नहीं जा सकता है।
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रिपोर्ट की मानें तो सितंबर तक मुद्रास्फीति के 7 प्रतिशत से अधिक और सितंबर के बाद मुद्रास्फीति 6.5 से 7 प्रतिशत की सीमा में हो सकती है।चुंकी मुख्य रूप से खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति के कारण फरवरी 2022 में 6.07 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2022 में सीपीआई-आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई हमारा वित्त वर्ष 23 का मुद्रास्फीति पूर्वानुमान अब 6.5 प्रतिशत के करीब है।
बता दे कि जिस दर पर बैंक रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बना हुआ है। हाल ही में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और रेपो रेट को 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा है। ये लगातार 11वीं मौद्रिक नीति है जिसमें आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।हालांकि आगे बदलाव की संभावना है।