रेल यात्रियों के लिए काम की खबर, IRCTC e-Wallet के जरिए टिकट बुक करना होगा आसान, जानें कैसे करें इसका इस्तेमाल

आईआरसीटीसी ई-वॉलेट के जरिए आप टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं। इसमें 100 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये की राशि रख सकते हैं।

irctc e wallet

IRCTC e-Wallet: यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए भारतीय रेलवे कई योजनाएं चलाता है। इसमें से एक आईआरसीटीसी ई-वॉलेट है। इस स्कीम के जरिए आप  आईआरसीटीसी पर एडवांस में मनी डिपॉजिट कर सकते हैं। टिकट बुकिंग के दौरान यह पेमेंट का बेहतर विकल्प बन सकता है।

आईआरसीटीसी ई वॉलेट की विशेषताएं

  • यूजर्स को किसी प्रकार के गेटवे चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता।
  • आप 100 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक इसमें डिपॉजिट कर सकते हैं।
  • आप ऑनलाइन ई-वॉलेट टॉप अप करवा सकते हैं।
  • कैंसिलेशन के दौरान अगले दिन ही रिफंड प्राप्त किया जा सकता है।
  • आईआरसीटीसी वॉलेट पर ट्रांजैक्शन हिस्ट्री, वॉलेट पेमेंट हिस्ट्री, ट्रांजैक्शन पासवर्ड और अन्य जानकारी चेक कर सकते हैं।

आईआरसीटीसी ई-वॉलेट के लिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

  • सबसे पहले आईआरसीटीसी के ऑफिशियल वेबसाइट https://www.irctc.co.in/ पर जाएं।
  • होमपेज पर Exclusive के ऑप्शन पर जाकर आप सुविधा के बारे में जान सकते हैं।
  • पहली बार आईआरसीटीसी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको अकाउंट क्रिएट करना पड़ेगा।
  • यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज करके IRCTC पर लॉग इन करें।
  • Plan My Travel में जाकर आईआरसीटीसी ई वॉलेट रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें।
  • रजिस्ट्रेशन के लिए पैन कार्ड या आधार कार्ड को वेरीफाई करें।
  • ई वॉलेट रजिस्ट्रेशन के लिए आपको 50 रुपये चार्ज का भुगतान करना होगा।
  • पेमेंट करते ही आप आईआरसीटीसी ई वॉलेट अकाउंट लॉग आउट हो जाएगा।
  • इसे फिर से लॉग इन करें।

पैसे ट्रांसफर करने का तरीका

आईआरसीटीसी ई वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने का तरीका काफी आसान होता है। इसके आईआरसीटीसी के अकाउंट में लॉगिन करें आईआरसीटीसी ई वॉलेट में जाकर डिपॉजिट के ऑप्शन पर क्लिक करें। जितनी राशि ट्रांसफर करनी है, उसे सेलेक्ट करें। ड्रॉपडाउन मेनू में पेमेंट के ऑप्शन पर को चुनें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।


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Manisha Kumari Pandey

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पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

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