पेंशनधारकों और फैमिली पेंशन पाने वालों के लिए एक अहम चेतावनी CPAO द्वारा जारी की गई है। दरअसल सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) ने हाल ही में पेंशनधारकों को नकली कॉल्स और मैसेज से सावधान रहने की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए, पेंशनधारकों को अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई है।
दरअसल हाल के दिनों में, कई पेंशनधारकों को ऐसे कॉल्स और मैसेज प्राप्त हुए हैं, जिनमें उनसे उनका पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) नंबर, जन्मतिथि, बैंक खाता विवरण, और अन्य संवेदनशील जानकारी साझा करने की मांग की गई है। वहीं ये कॉल्स और मैसेज आधिकारिक मैसेज जैसे ही प्रतीत होते हैं, लेकिन इनके पीछे धोखेबाज होते हैं, जो पेंशनधारकों की मेहनत की कमाई पर अपना हाथ साफ करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में खासतौर पर बुजुर्ग पेंशनधारक इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों के मुख्य शिकार बनते हैं।
CPAO की तरफ से जारी की गई चेतावनी
वहीं सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) ने पेंशनधारकों को सतर्क रहने और किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी निजी जानकारी साझा न करने की सलाह दी है। दरअसल CPAO ने बताया है कि कुछ धोखेबाज, खुद को सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस का अधिकारी बताकर पेंशनधारकों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें धोखा देने का प्रयास कर रहे हैं। ये ठग व्हॉट्सएप, ईमेल, और एसएमएस के माध्यम से पेंशनर्स से फॉर्म भरवाने का प्रयास करते हैं और ऐसा न करने पर पेंशन रोकने की धमकी भी देते हैं।
निजी जानकारी की सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय
अपनी निजी जानकारी कभी साझा न करें: ध्यान रहे कि पेंशनधारक किसी भी अज्ञात व्यक्ति को अपना PPO नंबर, बैंक खाता विवरण, जन्मतिथि या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा न करें। बता दें कि CPAO, बैंक, या कोई अन्य सरकारी संस्था फोन, ईमेल, या मैसेज के माध्यम से इस प्रकार की जानकारी नहीं मांगती है।
अधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें: दरअसल यदि आपको किसी सरकारी संस्था से संपर्क ही है, तो हमेशा आधिकारिक वेबसाइटों पर और फोन नंबरों का ही उपयोग करना चाहिए। वहीं किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज का जवाब देने से पहले उसकी प्रामाणिकता के बारे में पूरी तरह से जांच करना चाहिए।
संदिग्ध कॉल्स की जल्द से जल्द सूचना दें: वहीं यदि आपको किसी भी तरह का संदिग्ध कॉल, मैसेज, या ईमेल प्राप्त होता भी है, तो इसकी जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को देना चाहिए। पेंशनधारक इस तरह की घटनाओं की रिपोर्ट पुलिस या साइबर क्राइम सेल में दर्ज करा सकते हैं।