New Guidelines: DGCA ने यात्रा के लिए बदले नियम, अब एयरलाइंस को 12 साल से कम उम्र के बच्चों को अभिभावकों के साथ ही करना होगा सीट अलॉट

New Guidelines: DGCA ने एयरलाइंस के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, दरअसल अब इसके तहत एयरलाइंस को फ्लाइट में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ ही सीट देना होगी।

Rishabh Namdev
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New Guidelines: DGCA ने यात्रा के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिसके अनुसार 12 साल से कम उम्र के बच्चों को अब एयरलाइंस को फ्लाइट में उनके माता-पिता या अभिभावक के साथ ही सीट अलॉकेट करना होगा। यह भी सुनिश्चित करें कि, एक ही PNR पर बच्चे और उनके माता-पिता यात्रा कर रहे हैं, तो सीट सिलेक्शन के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, डीजीसीए ने एयरलाइंस से इस जानकारी का रिकॉर्ड भी बनाने के लिए कहा है।

New Guidelines: DGCA ने यात्रा के लिए बदले नियम, अब एयरलाइंस को 12 साल से कम उम्र के बच्चों को अभिभावकों के साथ ही करना होगा सीट अलॉट
DGCA ने यात्रा के लिए बदले नियम

दरअसल सिविल एविएशन रेगुलेटर ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों के साथ बैठाने का यह कदम काफी मामलों के बाद लिया गया हैं। हालांकि यह एक प्राथमिक उपाय है जो कुछ हफ्तों से चर्चा में था।

एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर 01 को बदला:

DGCA ने 2021 के एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर 01 को बदला है और इसे संशोधित कर दिया है। साथ ही, 2024 के एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर (एटीसी) -01 को भी संशोधित किया गया है, जिसका टाइटल है ‘अनबंडल ऑफ सर्विसेज एंड फीस बाय शेड्यूल्ड एयरलाइंस’।

यात्री प्री-सीट सिलेक्शन के लिए भुगतान कर सकते हैं:

जानकारी के अनुसार 2024 के एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर ने एयरलाइन्स को एक्स्ट्रा चार्ज लेने की अनुमति दी है, जैसे कि जीरो बैगेज, प्रिफरेंशियल सीटिंग, आहार/पेट भरने का विकल्प, और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की ढुलाई। वहीं यात्री इन सेवाओं का विकल्प चुन सकते हैं, जो वे चाहें। भारतीय एयरलाइंस ने एक विकल्प शुरू किया है जिसमें यात्री प्री-सीट सिलेक्शन के लिए भुगतान कर सकते हैं।

प्री-सीट सिलेक्शन के ऑप्शन का उपयोग करने के लिए, यात्री को एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ता है। यह विकल्प सब उन यात्रियों के लिए है जो पहले से ही अपनी सीटें बुक नहीं कराना चाहते हैं, और वे अपनी सीट के बारे में फ्लाइट के दिन तक निश्चित नहीं हैं। ऐसे में, एक समूह या परिवार के सभी सदस्यों को अलग-अलग सीटों पर बैठाया जाता है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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