FSSAI: खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने भारत के बाजारों में बेचे जाने वाले फोर्टिफाइड चावल, डेयरी प्रोडक्ट्स और मसालों जैसे अन्य खाद्य पदार्थों पर निगरानी शुरू करने की योजना बनाई है. ब्रांडेड मसालों में मानदंडों के कथित उल्लंघन की जांच शुरू करने के बाद ये नया कदम FSSAI ने उठाया है.
खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने भारतीय बाजारों में बिकने वाले फोर्टिफाइड चावल, डेयरी उत्पादों, और अन्य खाद्य पदार्थों की निगरानी की योजना बनाई है। जानकारी के अनुसार इसके साथ ही, विशेष ब्रांडेड मसालों में मानकों के उल्लंघन की जांच भी की जा रही है। दरअसल यह एफएसएसएआई का एक नया कदम है। जो नागरिकों को सुरक्षित खाद्य सामग्री लेने में मदद करेगा।
खाद्य पदार्थों पर नजर रखने की योजना:
दरअसल भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा पोषक तत्वों से समृद्ध चावल, दूध, फल, सब्जियों, मछली उत्पाद, मसाले, पाक जड़ी-बूटियां, और दुग्ध उत्पादों में साल्मोनेला जैसे खाद्य पदार्थों पर नजर रखने की योजना बनाई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग से आई खबरों में सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने खाद्य क्षेत्र में गुणवत्ता संबंधित चिंताओं को जताया था। इसके कारण, एफएसएसएआई ने पहले से ही देशभर से एमडीएच और एवरेस्ट ब्रांड्स सहित अन्य सभी मसालों के पाउडर के नमूने लेने शुरू कर दिए है।
वहीं मीडिया रिपोर्ट की माने “वर्तमान स्थिति को देखते हुए, एफएसएसएआई बाजार से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांड के मसालों के नमूने ले रहा है ताकि यह जांचा जा सके कि क्या वे एफएसएसएआई की गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं या नहीं।” सूत्रों के मुताबिक, एफएसएसएआई निर्यात की गई मसालों की गुणवत्ता को नियंत्रित नहीं करता है।