Google Play Store: सरकार के आदेश के बाद गूगल ने हटाए गए भारतीय ऐप्स को पुनः स्थापित किया, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलाई कंपनी के अफसरों की मीटिंग

Google Play Store: केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद, शनिवार को गूगल प्ले स्टोर से हटाए गए 10 भारतीय कंपनियों के ऐप को गूगल ने पुनः स्थापित कर दिया है। इस बात की जानकारी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी है। दरअसल गूगल द्वारा अपने प्ले स्टोर से 10 भारतीय कंपनियों के ऐप को हटा देने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बना है।

Rishabh Namdev
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Google Play Store: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इससे पहले शनिवार सुबह इसको लेकर बताया था कि ‘इन ऐप्स पे पेमेंट’ मामले में गूगल को भारतीय ऐप्स को डीलिस्ट करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने विवाद को सुलझाने के लिए आगामी हफ्ते में गूगल और स्टार्टअप्स के प्रतिनिधियों के बीच मीटिंग का आयोजन किया है।

गूगल की ऐप बिलिंग पॉलिसी पर था विवाद:

दरअसल गूगल ने शुक्रवार को 10 कंपनियों के ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया था, जिन्होंने गूगल की ऐप बिलिंग पॉलिसी का विरोध किया था। गूगल ने बताया कि इन ऐप्स को हटाने का निर्णय कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के नए निर्देशों के अनुसार लिया गया है, इन एप्स को 3 साल का लंबा समय दिया गया था लेकिन इन एप्स ने इसे मानने से इनकार कर दिया।

‘स्टार्टअप्स की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता’

वहीं इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा की, “भारत बहुत स्पष्ट है, हमारी नीति बहुत स्पष्ट है। हमारे स्टार्टअप्स को वह सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है कि गूगल अपने दृष्टिकोण में उचित होगा। हमारे पास एक बड़ा बढ़ता हुआ स्टार्टअप इकोसिस्टम है और उनके हितों की रक्षा करना जरूरी है।”

इन-पेमेंट फीस पर आपत्ति:

दरअसल गूगल इन-ऐप पेमेंट पर 11% से 26% तक चार्ज लेता है, जिसका विरोध भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा किया जा रहा हैं। जानकारी के मुताबिक यह फीस एंटीट्रस्ट अथॉरिटीज के नए निर्देशों के खिलाफ है, जिसने इसे 15% से 30% कम करने के आदेश दिए थे। गूगल का कहना है कि यह फीस इस इकोसिस्टम की ग्रोथ और पब्लिसिटी में योगदान करती है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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