भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग से जुड़े कुछ नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करने की बड़ी घोषणा की है। दरअसल SEBI का यह निर्णय उन रिपोर्ट के आधार पर लिया जा रहा है, जिसमें निवेशकों द्वारा इस हाई रिस्क वाले ट्रेडिंग से होने वाले बड़े नुकसान का खुलासा हुआ था।
दरअसल SEBI का उद्देश्य है कि शेयर बाजार में स्थिरता स्थापित की जा सके और बाजार में मौजूद छोटे निवेशकों को इन अनावश्यक जोखिम से बचाया जा सके। जानकारी के अनुसार यह नए नियम 20 नवंबर 2024 से प्रभावी होने जा रहे हैं, वहीं अब इसका ट्रेडिंग सेगमेंट पर भी गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
यह कदम क्यों उठाया गया?
जानकारी के अनुसार SEBI की एक हालिया रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि ‘फ्यूचर्स और ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों को गंभीर वित्तीय हानि का सामना करना पड़ा है। दरअसल वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1.13 करोड़ ट्रेडर्स में से 92.8% ने मिलाकर 1.81 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेला है, जिसमें लगभग 75,000 करोड़ रुपये का नुकसान इसी वर्ष में हुआ है।’ वहीं इस उच्च जोखिम वाले सेगमेंट में अधिकांश नुकसान छोटे निवेशकों को हो रहा है, जबकि केवल 7.2% ट्रेडर्स ही लाभ कमा पा रहे हैं।
जानिए क्या है यह नया नियम
दरअसल फ्यूचर्स और ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के साइज में परिवर्तन किया गया है। बता दें कि नए नियमों के अनुसार, फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) कॉन्ट्रैक्ट्स का साइज बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है, जबकि बता दें कि पहले यह 5 से 10 लाख रुपये के बीच था। वहीं इस बदलाव का उद्देश्य छोटे निवेशकों को इस उच्च जोखिम वाले सेगमेंट से दूर रखना है। इसके साथ ही बड़े निवेशकों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित करना है।