GST Council Meeting: केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 53वीं जीएसटी काउन्सिल की बैठक का आयोजन शनिवार को हुआ। बता दें कि यह नई सरकार के गठन के वबाद पहली जीएसटी काउन्सिल मीटिंग रही। अगली बैठक अब अगस्त में होगी। बैठक के दौरान टैक्सपेयर्स को राहत देने और गुड्ज़ एंड सर्विसेज़ से संबंधित कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों ने न सिर्फ व्यपारियों को बल्कि आमजन जो भी लाभ होगा। पेट्रोल और डीजल के जीएसटी पर भी बड़ी अपडेट आई है।
दूध के डिब्बों, कार्टन बॉक्स और सोलर कूकर पर लगेगा 12% टैक्स
दूध के डिब्बों पर राहत मिलने वाली है। जीएसटी काउन्सिल की बैठक में दूध के कैन, कार्टन बॉक्स और सोलर कूकर पर 12% जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा फायर स्प्रिंकलर समेत अन्य प्रकार के स्प्रिंकलर केर लिए भी जीएसटी दर 12% होगा।
रेलवे प्लेटफ़ॉर्म टिकट हो सकता है सस्ता
बैठक में इंडियन रेलवे द्वारा मिलने वाली कई सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की गई है। इसमें इंट्रा रेलवे सप्लाई के साथ-साथ प्लेटफॉर्म टिकट, रिटायरिंग रूम, बैटरी से चलने वाली कार और वेटिंग रूम भी शामिल हैं।
पेट्रोल और डीजल पर भी लगेगा जीएसटी?
पेट्रोल और डीजल के कीमतों में भी बदलाव हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायरे में लाने इरादे को स्पष्ट किया है। राज्यों को मिलकर ईंधन पर जीएसटी दर तय करने की जरूरत है। दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन हुआ है, जिनके द्वारा अगस्त की बैठक में रिपोर्ट दी जाएगी।
दंड पर ब्याज होगा माफ
53वीं जीएसटी काउन्सिल की बैठक में जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सुविधा के लिए अब आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। काउन्सिल ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिस पर ब्याज और दंड माफ करने की घोषणा कर दी है।
छात्रावास सेवाओं पर मिलेगी छूट
जीएसटी परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बागर छात्रवास सेवाओं पर जीएसटी छूट देने का निर्णय लिया है। छात्रों को 20,000 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति माह तक की छूट मिलेगी। कम से कम 90 दिनों तक छात्र और कामकाजी वर्ग इसका लाभ उठाया सकते हैं।
सरकारी मुकदमे कम के लिए बड़ा फैसला
परिषद द्वारा सरकारी मुकदमों को कम करने के लिए अलग-अलग अपीलीय प्राधिकरणों के सामने टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अपील दायर करने के लिए एक मौद्रिक सीमा निर्धारित की है। जीएसटी अपीलीय न्यायधीकरण के लिए 20 लाख रुपए, हाई कोर्ट के लिए 1 करोड़ रुपए और सुप्रीम कोर्ट के लिए 2 करोड़ रुपए की सीमा तय करने की सिफारिश की गई है। काउन्सिल द्वारा तय की गई सीमा से मौद्रिक सीमा कम होने पर टैक्स अथॉरिटी आमतौर पर अपील नहीं कर पाएगा।