Monetary Penalty: इन 5 बैंकों पर गिरी गाज, RBI ने लगाया भारी जुर्माना, लिस्ट में MP का यह बैंक शामिल, ये है कारण, पढ़ें खबर

आरबीआई ने 5 सहकारी बैंकों पर भारी जुर्माना ठोका है। इस लिस्ट में एमपी, छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र के बैंक शामिल हैं।

Manisha Kumari Pandey
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RBI Imposed Monetary Penalty: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) का डंडा पाँच बैंकों पर चला है। नियमों का उल्लंघन करने पर आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4) (i) और धार 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के तहत मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात में स्थित बैंकों पर जुर्माना लगाया है।

मध्यप्रदेश के इस बैंक पर लगा जुर्माना

27 फरवरी 2024 को जारी आदेश द्वारा आरबीआई ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित (सीहोर, एमपी ) पर 75 हजार रुपये की पेनल्टी ठोकी है। बैंक ने नाबार्ड को क्रमशः वैधानिक और ऑफ-साइट निगरानी प्रणाली (OSS) रिटर्न जमा करने में देरी की।

छत्तीसगढ़ के इस बैंक पर लगा जुर्माना

रिजर्व बैंक में प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई, छत्तीसगढ़ पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस बैंक ने विवेकपूर्ण अंतर बैंक सकल एक्स्पोज़र सीमा का उल्लंघन किया और 6 महीने में एक बार भी अपने ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा।

महाराष्ट्र के इस बैंक पर आरबीआई ने की कार्रवाई

जनता सहकारी बैंक लिमिटेड मालेगाँव, नासिक, महाराष्ट्र 5 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है। जांच में पाया गया की बैंक बुलेट भुगतान योजना के तहत निर्धारित नियामक सीमा से अधिक गोल्ड लोन स्वीकृत किया है और अपने नाम मात्र सदस्यों को निर्धारित नियामक सीमा से अधिक गोल्ड लोन स्वीकृत किया है।

इस बैंक पर लगा 13 लाख से अधिक का जुर्माना

1 मार्च 2024 को जारी आदेश अनुसार आरबीआई ने कराड अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर जमा पर ब्याज दर से संबंधित निर्देशों का अनुपालन न करने पर 13.30 लख रुपए का जुर्माना ठोका है। इस बैंक द्वारा कुछ अपात्र संस्थाओं के नाम पर बचत जमा खाता खोलने को बरकरार रखा गया। 

 गुजरात के इस बैंक लगी पेनल्टी

कालूपुर कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद पर आरबीआई ने 26.60 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। जांच में पाया गया कि बैंक निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा को जागरूकता निधि में पात्र राशि हस्तांतरित नहीं कर पाया। साथ ही बैंक ने एक कंपनी को दो एडवांस को रिन्यू किया, जिसमें से एक बैंक के निदेशक का रिश्तेदार शामिल था, जो कंपनी प्रमुख शेयरहोल्ड था। 

ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर

इस कार्रवाई के कारण ग्राहकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई बैंकों द्वारा निर्देशों के अनुपालन में पाई गई खामियों पर आधारित है। ग्राहक और बैंक के बीच हुए समझौते और लेनदेन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।


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