Money Saving Scheme: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (RBI Sovereign Gold Scheme) निवेश के लोकप्रिय तरीकों में से एक है। इसे बचत के लिए काफी बेहतरीन माना जाता है। इसमें गोल्ड यानि सोने में निवेश करना पड़ता है, जिसे मैच्योरिटी के दौरान कैश में भी बदला जा सकता है। भारत में प्राचीन काल से ही सोना बचत का एक तरीका माना जाता है। ज्यादातर महिलायें बुरे समय के बारे में सोच कर सोने के गहने खरीदती हैं। गोल्ड स्कीम में फिजिकल नहीं बल्कि डिजिटल सोना खरीदा जाता है।
स्कीम के बारे में?
गोल्ड बॉन्ड पर इन्टरेस्ट रेट भी मिलता रहता है। इसे एक निश्चित समय के लिए जारी किया जाता है और हर बार आरबीआई इसमें संशोधन भी करता रहता है। इसकी शुरुआत सरकार ने नवंबर 2015 से की थी। इस निवेश एक ग्राम सोना खरीद सकते हैं। इसमें 24 कैरेट यानि 99.9% शुद्ध सोना बेचा जाता है। आरबीआई गोल्ड बॉन्ड के कई फायदे हैं। इसमें मार्केट प्राइस के मुकाबले सस्ते में सोना मिलता है। साथ ही यह निवेश के लिए सुरक्षित तरीका माना जाता है।
कितना मिलता है रिटर्न?
एक व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम और न्यूनतम 1 ग्राम सोना खरीद सकता है। सरकार हर साल इसपर 2.5 फीसदी सम एश्यॉर्ड मिलता है। साल की दूसरी सीरीज में सितंबर में आई थी। इसके लिए प्राइस 5, 923 रुपये निर्धारित की गई थी। पिछले 7 वर्षों में इसपर 120% रिटर्न मिला है।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News किसी भी स्कीम में निवेश की सलाह नहीं देता।)