रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लोन से जुड़े नियमों (New Loan Rules) में संशोधन किया है। प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग पर नए निर्देश जारी किए गए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इस संबंध में आरबीआई ने नोटिस में जारी किया है। हितधारकों से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए मौजूदा प्रावधानों की व्यापक समीक्षा के बाद पीएसएल पर संशोधित गाइडलाइंस जारी की गई है। इन्हें 2020 की पीसीएल गाइडलाइंस की जगह पेश किया गया है।
पीसीएल कवरेज के लिए होम लोन सहित कई लोन सीमाओं में वृद्धि की गई है। लोन “नवीकरणीय ऊर्जा” के अंतर्गत भी वर्गीकृत किया गया है। मतलब अब होम लोन को शहर के साइज के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। नए नियमों के तहत 50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को 50 लाख रुपये तक के लोन, 10 लाख से 50 लाख की आबादी वाले शहरों को 45 लाख रुपये और 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों को 35 लाख रुपये तक के लोन देने की अनुमति होगी।

इन क्षेत्रों को होगा लाभ
इन बदलावों से अर्थव्यवस्था के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को बैंक लोन के बेहतर लक्ष्यीकरण की सुविधा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। लैंडिंग प्रैक्टिस और क्रेडिट फ्लो सुधर सकता है। इसके अलावा रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को भी इससे फायदा हो सकता है । आरबीआई ने रिन्यूएबल एनर्जी बेस्ड बिजली जनरेटर और पब्लिक यूटिलिटीज के लिए 35 करोड़ रुपये तक के बैंक लोन की अनुमति प्रदान की है। इसके रिन्यूएबल एनर्जी से संबंधित घरेलू सॉल्यूशंस के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन बैंक दे सकते हैं।
क्या होंगे बदलाव?
- शहरी सहकारी बैंकों के लिए पीसीएल टारगेट को समायोजित नेट बैंक क्रेडिट और बैलेंस शीट एक्स्पोज़र के समतुल्य लोन 60% तक बढ़ा दिया गया है। इससे प्राथमिकता वाले सेक्टर की फंडिंग में सरकारी बैंकों की भूमिका बढ़ सकती है।
- केंद्रीय बैंक में कमजोर वर्ग के कैटेगरी का भी विस्तार किया है। नए नियमों के तहत यूएसबी द्वारा व्यक्तिगत महिला लाभार्थियों को दिए जाने वाले लोन पर मौजूदा सीमा को हटाने का फैसला लिया है।
- बैंकों को 50 हजार रुपये तक के पीएसएल लोन पर इंस्पेक्शन चार्ज, लोन रिलेटेड/एड हॉक सर्विस चार्ज लगाने से भी रोका है।
- अब बैंकों द्वारा एनबीएफसी को गोल्ड ज्वेलरी के बदले दिए गए लोन्स को भी पीएसएल में शामिल नहीं किया जाएगा।