Nithin Kamath : ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत का कहना है कि सेबी भारतीय मार्केट को इनवेस्टर फ्रेंडली बनाने के लिए लगातार नए नियम लागू कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप, आने वाले समय में ब्रोकर्स की जिम्मेदारियां कम हो जाएंगी और उनका काम मुख्यतः ऑर्डर प्रोसेसिंग तक सीमित रह जाएगा। दरअसल यह बड़ी बात उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X के जरिए कही है।
Since 2019, SEBI has brought in several changes that have made our markets safer and more investor-friendly. It started with segregation of client funds, compulsory quarterly bank runs on brokers (quarterly settlement), removing pooling of funds for MF transactions, and more.…
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) June 7, 2024
भारतीय मार्केट को इनवेस्टर फ्रेंडली बना रहा सेबी:
दरअसल जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत सोशल मीडिया पर ज्यादातर समय सक्रिय रहते हैं और वहीं इसी कड़ी में उन्होंने हाल ही में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सेबी के नियमों में हो रहे बदलावों पर अपने विचार साझा किए हैं। दरअसल इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘सेबी (Securities and Exchange Board of India) लगातार भारतीय बाजार को निवेशक-अनुकूल बनाने के प्रयास कर रहा है। इससे ब्रोकर्स के काम में भी बहुत बदलाव आ रहा है।’
दरअसल अगर हम सेबी के द्वारा किए गए मुख्य बदलाव पर नजर डालें तो इनमे…
1. क्लाइंट फंड को अलग करना:
सेबी ने ब्रोकर्स के लिए अपने ग्राहकों के फंड को अलग रखने का नियम लागू किया है। इससे निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी है और ब्रोकर्स ग्राहकों के पैसे का दुरुपयोग नहीं करें।
2. तिमाही बैंक लेनदेन की रिपोर्टिंग:
इसके साथ ही ब्रोकर्स को अब हर तिमाही अपनी बैंक लेनदेन की जानकारी सेबी को देनी होती है। इससे पारदर्शिता बढ़ी है और सेबी को ब्रोकर्स की गतिविधियों पर नजर रखने में आसानी हो रही है।
3. म्युचुअल फंड ट्रांजेक्शन में फंड पूलिंग का अंत:
वहीं तीसरे नियम की बात करें तो सेबी ने म्युचुअल फंड ट्रांजेक्शन में फंड पूलिंग की प्रथा को समाप्त कर दिया है। अब निवेशक के फंड सीधे उनके डीमैट अकाउंट में जमा होते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा में इजाफा हुआ है।
दरअसल नितिन कामत ने बताया कि पहले, सिक्योरिटीज खरीदने पर क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन उन्हें निवेशकों के डीमैट अकाउंट में भेजने के बजाय ब्रोकर्स के पूल अकाउंट में भेजता था। लेकिन नए नियमों के तहत अब सिक्योरिटीज सीधे निवेशकों के डीमैट अकाउंट में जमा की जा रही हैं। जिसके बाद अब नितिन कामत ने इस बदलाव की सराहना की और कहा कि “इससे न केवल सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि ब्रोकर्स का काम भी आसान हो जाएगा।”