Tata Motors: टाटा मोटर्स का बोर्ड स्टॉक एक्सचेंज इंटीमेशन के माध्यम से बताया कि डीमर्जर, पैसेंजर व्हीकल्स (PV) और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) बिजनेस को स्वतंत्र एंटिटीज में बनाए रखने का एक बड़ा निर्णय लिया जा रहा है। इस बिभाजन से कंपनी दोनों बिजनेस को मजबूत और उच्च विकास की दिशा में बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है। यह निर्णय भी उसमे से एक है।
डीमर्जर के बाद की क्या है रणनीति:
दरअसल इस डीमर्जर के बाद, एक एंटिटी में कॉमर्शियल व्हीकल्स और संबंधित निवेश शामिल हो सकते है, वहीं दूसरी एंटिटी में PV, EV, जैगुआर-लैंड रोवर, और संबंधित निवेश शामिल होंगे। दरअसल निवेशकों के लिए भी कंपनी द्वारा एक बड़ी योजना बनाई जा रही है।
NCLT स्कीम का अरेंजमेंट:
डीमर्जर को लागू करने के लिए कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) स्कीम ऑफ अरेंजमेंट का सहारा प्राप्त करने की योजना बनाई है। हालांकि अभी इन सभी मंजूरी को पूरा करने में 12 से 15 महीने का समय लग सकता है। इस प्रक्रिया के बाद, टाटा मोटर्स के सभी शेयरहोल्डर्स को दोनों एंटिटीज में समान हिस्सेदारी मिलेगी। टाटा मोटर्स ने स्पष्ट किया है कि डीमर्जर को NCLT स्कीम के तहत लागू किया जाएगा, जिसके लिए सभी अधिकारी, शेयरहोल्डर्स, और नियायिक अधिकारियों की मंजूरी की आवश्यकता है।
कंपनी की क्या है रणनीति:
जानकारी देते हुए टाटा मोटर्स का बोर्ड ने बताया कि CV, PV, और JLR बिजनेस 2021 से स्वतंत्र रूप से ऑपरेट किए जा रहे हैं, और डीमर्जर का मुख्य उद्देश्य तीनों विभाजनों के बीच की तालमेल को सुनिश्चित करना है। जिसका इस्तेमाल कंपनी अपने बिज़नेस में करना चाहती है। टाटा मोटर्स के बोर्ड के अनुसार, डीमर्जर के माध्यम से यह सुनिश्चित होगा कि पैसेंजर व्हीकल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स क्षेत्र में योजनाएं सही रूप से आगे बढ़ सकें और उन्हें अलग किया जा सके।