PayTm Case: PayTm को बड़ी राहत, FEMA मामले में मिली ED की क्लीन चिट

PayTm Case: आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को बड़ी राहत दी है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लग रही रोक की समय सीमा को 29 फरवरी से आगे बढ़ाते हुए 15 मार्च तक कर दिया गया है।

भावना चौबे
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PayTm Case: भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) को बड़ी राहत दी है। RBI ने PPBL को 29 फरवरी से शुरू होने वाले लेनदेन प्रतिबंधों को 15 मार्च तक के लिए बड़ा दिया है। इसका यह मतलब है कि PPBL 15 मार्च तक ग्राहकों के खातों में जमा, टॉप-अप और क्रेडिट लेनदेन कर सकता है। 31 जनवरी को RBI ने PPBL पर कुछ अनियमितताओं के कारण यह प्रतिबंध लगाया था।

नहीं मिला नियम उल्लंघन का सबूत

हाल ही में मिली रिपोर्ट्स के अनुसार परिवर्तन निदेशालय (ईडी) को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन का कोई सबूत नहीं मिला है। यह जानकारी ईडी के सूत्रों के द्वारा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने पीबीएल के अधिकारियों से पूछताछ की थी और दस्तावेजों की जांच की थी लेकिन उन्हें फेमा के उल्लंघन का कोई भी सबूत नहीं मिला।

RBI ने दिया था आदेश

31 जनवरी को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार 29 फरवरी से पेटीएम पेमेंट्स बैंक ( PPBL) ग्राहक खातों, वालेट्स, FASTags और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) में जमा, टॉप-अप या क्रेडिट लेने नहीं कर सकेगा। लेकिन अब इस समय सीमा को बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया है। इसका यह मतलब है कि पीबीएल के पास अपनी अनियमितताओं को ठीक करने और आरबीआई के नियमों का पालन करने का थोड़ा और समय है।

पेमेंट बैंक पर सख्त कार्रवाई क्यों

यह कार्रवाई दो रिपोर्ट के आधार पर की गई थी पहले व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और दूसरा बाहरी ऑडिटरों के अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट। रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि बैंक बार-बार नियमों का उल्लंघन कर रहा था। बैंक नियमों का पालन सही से नहीं कर रहा था और कई गंभीर समस्याएं थी। इन वजहों से बैंक पर आगे की कार्रवाई करने की आवश्यकता पड़ी।

सूत्रों के मुताबिक, चूंकि पीपीबीएल के मामले में कोई पीएमएलए अनुसूचित अपराध शामिल नहीं है, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच नहीं की जा सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “अगर कोई अपराध नहीं बनता है, तो ‘अपराध की आय’ का भी कोई सृजन नहीं होता है और इसलिए, पीएमएलए लागू नहीं होता है।” इसलिए, ईडी ने यह निर्धारित करने के लिए लेनदेन पर गौर किया कि क्या फेमा प्रावधानों के तहत कोई उल्लंघन हुआ है।


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भावना चौबे

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