नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का आज 12वां दिन है और पहले दिन से ही वैश्विक स्तर पर इस युद्ध का असर दिखने लगा वहीं अंतराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड यानी कच्चे तेल की कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल में रिकॉर्ड तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया (Rupee) अब तक के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
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हम आपको बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण पिछले 120 दिनों से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है जबकि इसी दौरान कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है और यह दो महीने के उच्चतम लेवल पर पहुंच गया है दुनियाभर में सप्लाई कम होने और आगे शॉर्टेज घटने के अंदेशा के चलते क्रूड में जोरदार उछाल देखने को मिला है इसके चलते अगले 1 महीने में क्रूड ऑयल की कीमतों में और भी तेजी आएगी।
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गौरतलब है कि भारत दुनिया भर में पेट्रोल आयात करने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है इसीलिए भारत में तेल की कीमत में बढ़ोतरी होना लगभग तय है आशंका जताई जा रही है कि आज रात से ही पेट्रोल डीजल के रेट में बड़ा बदलाव हो सकता है साथ ही बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार एक्साइज में तीन से चार रुपये पेट्रोल और डीजल में कम करने का प्लान कर रही है लेकिन, राज्य सरकारें कम करें, इसके आसार कम दिखाई पढ़ रहे है आपको बता दें कि अगर पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ते है तो यूरोप में इसका बुरा हाल हो जायेगा क्योंकि वो रूस के तेल और खासकर गैस पर निर्भर है इस हिसाब से भारत में पेट्रोल की कीमत 10 रुपये से 16 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकती है वहीं, डीजल 8 से 12 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकता है।