नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। उच्च वर्ग के लोगों की बात करें या मध्य कि दोनों ही वर्गों मैं आने वाले लोगों के मध्य कारों का जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है। मध्यम वर्ग के लोगों की बात करें तो इनके साथ आर्थिक समस्या की स्थिति बनी रहती है। जिसके कारण वह अपने मनपसंद कार को नहीं खरीद पाते हैं। तो ऐसे में यह वर्ग सेकंड हैंड कार की ओर रुख करता है। सेकंड हैंड कार का मार्केट इस समय अच्छा खासा फल फूल रहा है। इस मामले में कई कार कंपनियों ने तो अपना खुद का सेकंड हैंड डिवीज़न भी खोल रखा है। आपको बता दें कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी कारों को खरीदने में आपको लोन जैसे सुविधाएं भी उपलब्ध कराती हैं।
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सेकंड हैंड कार मार्केट अन्य मार्केट की तरह ही जोखिम भरा है। जरा से गलती आपके लाखों रुपए डुबो देती है। तो आइए जान लेते हैं सेकंड हैंड कार खरीदते समय आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आप किसी भी तरह की समस्या में ना पड़े।
जब भी सेकंड हैंड कार खरीदने जाए तो उसके सभी इंपॉर्टेंट डाक्यूमेंट्स को चेक कर लें। साथ ही रजिस्ट्रेशन इंश्योरेंस और कार की सर्विस रिकॉर्ड को भी देख लें। सेकंड हैंड कार लेते समय आरसी की ओरिजिनल कॉपी जरूर लें। साथ ही गाड़ी के ओरिजिनल बिल की कॉपी भी ले लें क्योंकि इसमें चेसिस नंबर डिलीवरी की तारीख इंजन नंबर होता है।
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कोई भी कार लेने के लिए सबसे जरूरी होता है उसका बजट। इस प्रकार आप सेकंड हैंड कार लेने के पहले अपना बजट जरूर बनाये और ध्यान रखें कि इस बजट में कौन कौन सी गाड़ियां उपलब्ध है। साथ ही कार खरीदने के बाद उस पर होने वाले मेंटेनेंस व अन्य चीजों का खर्चा भी अपने बजट में जरूर शामिल करें।
गाड़ी का बजट तैयार होने के बाद यह पता करें कि किस कंपनी का कौन सा मॉडल लिया जा सकता है। सेकंड हैंड कार मार्केट में लाभ भाग आपको हर कंपनी के मॉडल की कार उपलब्ध हो जाएगी। कार लेते समय यह भी जरूर ध्यान दें कि जहां आप कार लेने जा रहे हो वहां पर गाड़ी के एक से अधिक मॉडल मौजूद है।
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डीलर का चुनाव करते समय आपको सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही कई कार कंपनियों के अपने यूज कार के प्लेटफार्म ऑनलाइन उपलब्ध है। जैसे की मारुति सुजुकी ट्रू वैल्यू महिंद्रा की फर्स्ट चॉइस हुंडई का एच प्रॉमिस। इस प्रकार आप मारुति सुजुकी हुंडई वह अन्य कारों की जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं और उन कंपनियों की गाड़ियों को खरीद सकते हैं। साथ ही कंपनियां इन सेकंड हैंड कार की खरीद पर नई कार की तरह वारंटी और फ्री सर्विस की सुविधा भी उपलब्ध करवाती है। इसमें आपको कई प्रकार के डिस्काउंट भी मिल सकते हैं।
सेकंड हैंड कार खरीदने के पहले आपको कार का क्लच, ब्रेक, एक्सलेटर आदि को अच्छी तरह से जांच लेना चाहिए। उसकी टेस्ट ड्राइव जरूर लें। साथ ही आप डीलर से इसकी जानकारी ले लें कि कहीं कार का कोई एक्सीडेंट तो नहीं हुआ है। इसके टायर, बैटरी, सीट और गाड़ी कितनी दूर तक चली है उसकी पूरी जानकारी ले अच्छी तरह से परख लें।
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सेकंड हैंड कार खरीदने के पहले आपको उसे अपने नाम पर ट्रांसफर करवानी होगी। उसके लिए सभी आवश्यक फॉर्म ऑथेंटिक सिग्नेचर के साथ अपने क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी कार्यालय में जमा कर दें। इस प्रकार आपके पास 15 से 18 दिनों के अंदर उपलब्धि हो जाती है और 40 से 45 दिनों में RC कॉपी आपके नाम दर्ज हो जाती है।
सेकंड हैंड कार लेते समय अगर आरसी आपके नाम पर रजिस्टर्ड हो गई है और इंश्योरेंस गाड़ी के पुराने वाले के नाम पर है तो आपके इंश्योरेंस पॉलिसी को रद्द किया जा सकता है इसलिए रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करवाने के बाद अपने नाम पर ही पहले इंश्योरेंस करवा ले।
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सेकंड हैंड कार को खरीदने के बाद उसमें सभी तरह के आयल को बदलवा दे और साथ ही इंटीरियर एक्सटीरियर को पूरी तरह से साफ करवा लेना चाहिए।
वर्तमान समय में सेकंड हैंड कार खरीदने की सुविधा ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों ही माध्यम में उपलब्ध है। बाजार में इसका चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। वहीं कई कार कंपनियों के पास अपना सेकंड हैंड डिवीजन है। तो अब आप को यहाँ साड़ी जानकरी मिल चुकी है तो देर किस बात की।