पोस्ट ऑफिस की धांसू स्कीम, 25 साल में पूरा होगा करोड़पति बनने का सपना, मिलेगी रिटर्न की गारंटी के साथ टैक्स छूट की सुविधा

Manisha Kumari Pandey
Published on -
post office scheme

Post Office Scheme: भारत सरकार पोस्ट ऑफिस के जरिए कई योजनाएं चलाती है, जिनमें से कुछ स्कीम ऐसी हैं जो आपके अमीर बनने का सपना पूरा कर सकती है। इनमें रिटर्न की गारंटी के साथ-साथ टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। ऐसे ही एक योजना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। इस स्कीम के तहत 25 वर्षों में 1 करोड़ का फंड बनाया जा सकता है।

स्कीम के बारे में

डाकघर की इस खास स्कीम का नाम “पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)” है। यह एक लॉंग टर्म स्मॉल सेविंग स्कीम है। सरकार द्वारा इसकी ब्याज दरें तय की जाती है, जिसका कैलकुलेशन हर साल होता है। इन्टरेस्ट रेट में हर तीन महीने पर बदलाव होता रहता है। वर्तमान में इसपर 7.1% कम्पाउन्ड इन्टरेस्ट मिलता है। निवेश राशि पर किसी प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता। कोई भी भारतीय इसका लाभ उठाया सकते हैं। इसमें 5 वर्ष का लॉक इन पीरीयड होता है। निवेशक जरूरत पड़ने पर लोन भी अप्लाई कर सकते हैं। जमा राशि का अधिकतम 25% लोन मिलता है, इसकी ब्याज दर 1% होती है।

ऐसे बनेगा 1 करोड़ का फंड

पीपीएफ की शुरुआत मात्र 500 रुपये में किया जा सकता है। अधिकतम निवेश की सीमा सलाना 1.5 लाख रुपये होती है। यदि कोई व्यक्ति 25 वर्षों तक स्कीम के तहत 12,500 रुपये जमा करता है तो 1.02 करोड़ रुपये का फंड तैयार होता है। वहीं हर महीने 1000 रुपये के निवेश पर 8.17 लाख रुपये का फंड तैयार किया जा सकता है।

पीपीएफ से जुड़े नियमों में बदलाव

हाल ही में सरकार ने पीपीएफ, सीनियर सिटीजंस स्कीम और टाइम डिपॉजिट स्कीम के नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के तहत 5 वर्ष की अवधि वाले पीपीएफ अकाउंट से चार साल बाद निकासी करने पर ही लागू ब्याज का लाभ मिलेगा। वर्तमान में तीन वर्ष के बाद ही निकासी पर ब्याज का लाभ मिलता है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News किसी भी स्कीम या प्लान में निवेश की सलाह नहीं देता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News