भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन बैंक और एक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। जम्मू और कश्मीर बैंक लिमिटेड पर 3 करोड़ 31 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। पब्लिक सेक्टर के बैंक आफ इंडिया पर एक करोड़ रुपये और केनरा बैंक पर 1 करोड़ 63 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। डैटसन एक्सपोर्ट्स लिमिटेड लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना केंद्रीय बैंक ने गया है। इस बात की जानकारी आरबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।
आरबीआई द्वारा किए गए एक संवैधानिक निरीक्षण के दौरान नियमों में अनदेखी का खुलासा हुआ था। जिसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोट पर आए प्रतिक्रिया के बाद ही मॉनिटरी पेनल्टी लगाने का निर्णय लिया।
NBFC ने किया इन नियमों का उल्लंघन
कंपनी ने अपने निर्णय लेने वाले कार्यों में एक यानी लोन की मंजूरी को अपने डिजिटल लैंडिंग एप्लीकेशन भागीदारी को आउटसोर्स किया था। जांच के दौरान की पुष्टि होने के बाद आरबीआई ने मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया।
आखिरी बैंकों पर क्यों लगाया आरबीआई ने जुर्माना?
जम्मू और कश्मीर बैंक ने कुछ बीएसबीडीए धारकों को बचत बैंक जमा खाते भी खोलने की अनुमति दी। बैंक ने कुछ कानूनी व्यक्तियों के खाता खोलने के लिए लाभकारी स्वामी की पहचान नहीं की, जो प्राकृतिक व्यक्ति नहीं थे। बैंक ने कुछ छोटे खातों में परिचालन की अनुमति थी जो विनियामक आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते थे। इसके अलावा बैंक ने सरकार से मिलने वाले सब्सिडी के रूप में प्राप्त होने वाली राशि के खिलाफ एक निगम को कार्यशील पूंजी मांग लोन को भी मंजूर किया।
बैंक आफ इंडिया निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि में पात्र राशि हस्तांतरित नहीं कर पाया। वहीं केनरा बैंक ने 25000 रूपीव तक के कुछ प्राथमिक क्षेत्र ऋणों में ऋण संबंधी शुल्क वसूला। कुछ बचत बैंक जमा खातों पर कोई ब्याज नहीं दिया। इसके अलावा एक ही समय में एक ही ग्राहक के बचत बैंक जमा खाते और बुनियादी बचत बैंक जमा खाता बनाए रखे थे।