इन 5 बैंकों पर चला आरबीआई का चाबुक, लगा भारी जुर्माना, नियमों का उल्लंघन करने का है आरोप, पढ़ें पूरी खबर

Manisha Kumari Pandey
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RBI Action: नियमों का अनुपालन न करने पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने पांच सहकारी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है। आरबीआई ने इन बैंकों पर कुल 14 लख रुपए का जुर्माना ठोका है। केंद्रीय बैंक ने ये एक्शन बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन 47 ए (1) (सी), सेक्शन 46 (4) (i) आई और 56 के तहत किए हैं। हालांकि इसका असर बैंकों और ग्राहकों के बीच हो रहे लेनदेन पर नहीं पड़ेगा।

इन दो बैंकों पर लगा 5-5 लाख रुपये का जुर्माना 

जनकल्याण सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक कुछ पात्र क्रेडिट खातों को निर्धारित समय के भीतर रिपोर्टिंग प्लेटफार्म पर पर जमा करने से जुड़ी जानकारी की सूचना आरबीआई को देने में विफल रहा है। अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे पर भी 5 लाख रुपये की पेनल्टी ठोकी गई है। यह बैंक विवेकपूर्ण अंतर बैंक सफल एक्स्पोज़र सीमा का पालन नहीं कर पाया। साथ ही बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि के रखरखाव में कमी के लिए कमी की सीमा के अनुपात में दंडात्मक शुल्क लगाने के बजाय निश्चित दंडात्मक शुल्क लगाया। इसके अलावा कुछ खातों को गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत करने में भी बैंक असफल रहा।

इस बैंक पर लगा 2 लाख का जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक ने द पाटन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सतारा (महाराष्ट्र) पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह बैंक निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में पात्र राशि को ट्रांसफर करने में असफल रहा।

इन दो बैंक पर लगा 1-1 लाख का जुर्माना

पुणे नगर निगम सर्वेंट को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक जमा खातों के रखरखाव (शहरी) सहकारी बैंकों पर जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहा। निष्क्रिय निष्क्रिय खातों की वार्षिक समीक्षा भी नहीं कर पाया। वहीं समान कारणों को लेकर पुणे मरचेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपये की पेनल्टी ठोकी गई है। सभी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कारण बताओं नोटिस जारी किया था और पूछा था कि, “उन पर जुर्माना क्यों ना लगाया जाए?” बैंकों की प्रतिक्रिया के बाद ही मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया।।

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