RBI Action: वर्ष 2023 में अब तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कई बैंकों के खिलाफ एक्शन ले चुका है। इस लिस्ट में पाँच अन्य सहकारी बैंक भी शामिल हो चुके हैं। आरबीआई ने अपने जांच में पाया कि ये सभी बैंकों बैंकिंग से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रह रहे थे। जिसके बाद नोटिस जारी करके पूछा गया कि उनपर पेनल्टी क्यों न लगाई जाए। प्रतिक्रिया के बाद ही पेनल्टी लगाने का निर्णय लिया गया है। यह कार्यवाही बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4) (i), सेक्शन 56 और सेक्शन 47A(1) (सी) के तहत की गई है।
इन बैंकों पर लगा जुर्माना
आरबीआई ने ठाणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (महाराष्ट्र), द कच्छ मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, भाभर विभाग नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (बनासकांठा गुजरात), प्रोग्रेसिव मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (अहमदाबाद) और श्री मोरबी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (गुजरात) पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। हालांकि रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस कार्रवाई का असर बैंकों और ग्राहकों के बीच हो रहे लेनदेन पर नहीं पड़ेगा।
ये है वजह
- ठाणे डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। इस बैंक ने अपने एक निदेशक का लोन स्वीकृत किया।
- द कच्छ मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 3 लाख रुपये की पेनल्टी लगी है। इस बैंक ने विवेकपूर्ण नियमों का उल्लंघ किया है, अंतर-बैंक सकल एक्सपोजर सीमा और विवेसकपूर्ण अंतर-बैंक प्रतिपक्ष सीमा का अनुपालन करने में विफल रहा। अपने नाममात्र सदस्यों को लोक प्रदान किया, प्रत्येक मामले में लोन की राशि लागू सीमा के पार रही।
- भाभर विभाग नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। बैंक ने ऐसे लोन को स्वीकृति दी जहां एक रिश्तेदार बैंक के निदेशकों में से एक गारंटर के रूप में खड़ा था।
- प्रोग्रेसिव मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 7 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। यह बैंक विवेकपूर्ण अंतर-बैंक नियमों का पालन करने में विफल रहा है। प्रतिपक्ष एक्सपोजर सीमा के साथ-साथ विवेकपूर्ण अंतर-बैंक सकल एक्सपोजर सीमा का भी उल्लंघन किया।
- श्री मोरबी नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों अन्य बैंकों में जमा राशि के रखरखाव से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं कर पाया।