Bank Licence Cancelled: ग्राहकों के हित में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अक्सर बड़े फैसले लेता रहता है। आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में स्थित पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक को बैंकिंग कारोबार करने से भी रोका है। इसका असर ग्राहकों पर भी पड़ेगा। केंद्रीय बैंक ने कॉर्पोरेशन एंड रजिस्टर ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटी, उत्तर प्रदेश के कमिश्नर को इस संबंध में आर्डर जारी का अनुरोध भी किया है।
आरबीआई ने बताया कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं है। ऐसे में बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ-साथ धारा 11(1), 22 (3) डी \ के प्रावधानों का उल्लंघन होता है। 22 (3) ए, 22(3) बी, 22(3 )c और 22(3) डी और धारा 22 (3) ई के आवश्यकताओं का अनुपालन भी नहीं करता।
आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम?
आरबीआई ने बताया कि इस बैंक को चालू रहने के अनुमति दे दी जाए तो यह जमाकर्ताओं के हित को हानि पहुंचा सकता है। यह बैंक अपनी वर्तमान स्थिति के साथ वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में भी असमर्थ है । लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक को जमा की स्वीकृति और जमा की वापसी समय अन्य बैंकिंग व्यवसाय करने की अनुमति नहीं होगी।
ग्राहक निकाल सकते हैं इतने पैसे
डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत गारंटी निगम से ग्राहक 5 लाख रुपए की मौद्रिक सीमा राशि की जमा बीमा दावा राशि जमा भीम दवा राशि प्राप्त कर सकते हैं। बैंक द्वारा बैंक द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार 99.51% ग्राहक अपनी पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
इन दो बैंकों पर लगाया जुर्माना
पिछले हफ्ते आरबीआई ने दो बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया पर 1 करोड़ 45 लाख 50,000 की पेनल्टी ठोकी गई थी। बैंक पर लोन और एडवांस से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के आरोप था। वहीं सोनाली बैंक पर केवाईसी से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 96.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि मौद्रिक जुर्माना लगाने की कार्रवाई का ग्राहकों पर कोई भी असर नहीं पड़ता है
ग्राहकों के बीच हो ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन या समझौता पर कोई असर नहीं पड़ता है