नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा 1 नवंबर को डिजिटल रुपये के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है। आरबीआई के गवर्नर ने अब खुदरा ई-रुपया को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होनें बढ़ती महंगाई को लेकर भी बड़ी बात कही है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकाँटी दास ने बुधवार यानि आज कहा की यहाँ बैंकों के वार्षिक एफआईबीसी सम्मेलन के दौरान कहा की समय से पहले सख्त कदम उठाने पर इकॉनोमी और जनता को भारी कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होनें यह भी कहा की आरबीआई ने महंगाई दर में वृद्धि के कारण ब्याज दरों में आक्रमक रूप से इजाफा नहीं करके अर्थव्यवस्था का समर्थन करने का निर्णय लिया है।
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उन्होंने स्वीकार किया की मुद्रास्फीति के लक्ष्य चूक गया है। उन्होनें कहा, “हमने ब्याज दरों को आक्रमक रूप से नहीं बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावित होने रोका और समय से पहलव सख्त कदम उठाने से दूर रहे।” इतना ही नहीं गवर्नर ने सरकार को लिखे जाने पत्र को सार्वजनिक ना करने की बात करते हुए आरबीआई का बचाव किया है। सरकार को जवाब तयार करने के लियव ब्याजदर तय करने वाली MPC की बैठक गुरुवार को होगी।
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दूसरी तरफ आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा की इस महीने खुदरा ई-रुपये का परीक्षण शुरू किया जाएगा। उन्होनें सम्मेलन के दौरान कहा की, खुदरा कारोबार के लिए सब्सिडी का परीक्षण । इस महीने के आखिरी में शुरू होगा। तारीख की घोषणा अलग से की जाएगी। ट्रायल का रीटेल पार्ट इस महीने लॉन्च हो सकता है, जो जनता के लिए उपलब्ध हूगा। उन्होनें कहा की “देश में मुद्रा के इतिहास में ई-रुपया लॉन्च एतेहासिक क्षण होगा, जो कारोबार के तरीके को बदल कर रख देगा।”