नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में Cryptocurrency अपनी जगह धीरे-धीरे बनाता जा रहा है। इसी बीच सोमवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होनें लोकसभा में यह जानकारी दी की किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्टैबिलिटी पर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी चिंता के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में क्रिप्टो बाजार को लेकर कानून बनाने की मांग भारत सरकार से की है। उन्होनें यह भी कहा की आरबीआई के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी एकोनोमी पर एक खतरा बन सकता है और इसपर बैन लगाना चाहिए।
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बता दें की इससे पहले कई बार आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को खतरा बता चुका है और इससे जुड़े कानून बनाने की बात भी सामने रख चुका है। निर्मला सीतारमण ने कहा की आरबीआई ने इस क्षेत्र से जुड़े कानून बनाने की सिफारिश भी की है। 24 दिसंबर 2013, 1 फरवरी 2017 और 5 दिसंबर 2017 को आरबीआई पब्लिक नोटिस के जरिए डिजिटल करेंसी के यूजर्स को इसके खतरों से आगाह भी कर चुका है। हाल ही में आरबीआई के गोवर्नर ने भी अपने एक बयान में आरबीआई को खतरा बताया था। वहीं 13 मई 2021 को आरबीआई ने एक परिपत्र के जरिए विनियमित संस्थाओं को डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का अनुपालन करने की सलाह दी थी।
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वहीं लोकसभा में थोल थिरुमावलवन के प्रश्न के जवाब के रूप में वित्त मंत्री ने यह लिखित जवाब दिया है। सवाल यह था की क्या आरबीआई में क्रिप्टोकरेंसी के इफेक्ट के लिए अपनी चिंता जाहिर की है और क्या भारत इस क्षेत्र से जुड़े कोई कानून लाने वाल है। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने बयान दिया, “जी हाँ।” वित्त मंत्री ने कहा है की क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है क्योंकि कोई भी मुद्रा भारत सरकार द्वारा जारी की जानी चाहिए।