RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति बैठक आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता में 8 अगस्त से 10 तक चलेगी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। 10 अगस्त को आरबीआई गवर्नर फैसला सुनाएंगे। बता दें कि हर दो महीने में एमपीसी बैठक का आयोजन होता है। 6 सदस्य मीटिंग में शामिल होते हैं। समिति का मुख्य उद्देश मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीति दर निर्धारित करना है।
रेपो रेट में स्थिरता की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार एमपीसी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। अप्रैल और जून में आयोजित बैठक में भी दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था। अंतिम बार में फरवरी में रेपो दरों में वृद्धि की गई थी। वर्तमान में दरें 6.50% है। बता दें की रेपो रेट में वृद्धि का सीधा असर लोन और ईएमआई पर पड़ता है।
बढ़ सकता सीपीआई मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान
आरबीआई वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने CPI मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 2030 को बढ़ा सकता है। क्वांटम एएमसी के फंड मैनेजर फिक्स्ड इनकम, पंकज पाठक का कहना है कि, “हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई अपने नीतिगत रुख को बरकरार रखेगा। वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 2030 तक बढ़ाया जा सकता है। आधार अंक करीब 5.3%-5.4% हैं।”
महंगाई को लेकर एमपीसी बैठक से उम्मीद
देशभर में लगातार खाने-पीने की चीजों के भाव बढ़ रहे हैं। मध्यम वर्ग परिवार के लिए सब्जियों की कीमत एक बड़ी समस्या बन चुकी है। सीपीआई पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जून में तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81% पर जा चुकी है। हालांकि यह अभी भी आरबीआई द्वारा निर्धारित सीमा 6% के नीचे है। HDFC सेक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी के अनुसार जुलाई और अगस्त में भी मुद्रास्फीति में उछाल बरकरार रहेगा। यदि नीनो पैटर्न मानसून के उत्तरार्ध में चलता है तो इस साल के अंत तक महंगाई का ऐसा ही हाल रहेगा।