RBI Action: नियमों के उल्लंघन पर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया अक्सर सख्त कदम उठाता है। आरबीआई ने तीन फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। दो फाइनेंस कंपनियों भारी जुर्माना लगाया है। वहीं एक कंपनी का लाइसेंस यानि सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए दी है।
आरबीआई ने आदेश जारी करते हुए एनडीएक्स पी2पी प्राइवेट लिमिटेड यानि LiquiLoans पर 1 करोड़ 92 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। वहीं इनोफिन सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड पर 1 करोड़ 99 लाख 50 हजार रुपये की पेनल्टी ठोंकी है। इसके अलावा M/S मार्गदर्शक फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
इस कंपनी का लाइसेंस रद्द, ये है वजह (License Cancelled)
आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित M/S मार्गदर्शक फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड का सीओआर रद्द कर दिया है। आरबीआई ने बताया कि वैधानिक ऑडिट के अनुसार 31 मार्च 2021 तक कंपनी नगदी प्रवाह के मुद्दों का सामना कर रही थी और उसने अपने ऋणदाताओं को उन 49. 27 करोड रुपए का पुनर्भुगतान करने में गलती की है। इसके अलावा लेखापरीक्षकों ने पाया कि घाटे और उच्च शुद्ध एनपीए के कारण भौतिक अनिश्चितता है जो कंपनी की चालू चिंता के रूप में जारी रहने की क्षमता पर संदेह पैदा करती है। एनबीएफसी-एमएमआई के निर्धारित न्यूनतम नियामक एनओएफ 5 करोड़ रुपए और न्यूनतम पूंजी प्राप्त तथा अनुपात प्रतिशत बनाए रखने में भी विफल रही। साथ ही बैलेंस शीट को अंतिम रूप देने और सुपरवाइजरी रिटर्न जमा करने में भी देरी की।
इन कंपनियों पर क्यों लगा जुर्माना? (Monetary Penalty)
LiquiLoans और इनोफिन सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड दोनों कमोनियों ने संभावित उधारदाताओं को उधारकर्ताओं के क्रेडिट मूल्यांकन और जोखिम प्रोफाइल सहित आवश्यक व्यक्तिगत विवरण का खुलासा नहीं किया। व्यक्तिगत ऋणदाताओं की विशेष स्वीकृति के बिना लोन वितरित किए। पी2पी प्लेटफार्म में ऋण खातों में वितरित और एकत्र की गई राशि को “सह-उधार एस्क्रो खाते के माध्यम से निर्धारित निधि हस्तांतरण तंत्र का उल्लंघन करते हुए भेजा। इसके अलावा अन्य कई नियमों का भी उल्लंघन किया।