RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक ने 8 जुलाई को दो नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। आरबीआई ने पॉलीटेक्स इंडिया लिमिटेड और स्टार फिनसर्व इंडिया लिमिटेड का सर्टिफिकेट रद्द कर दिया है। यह कदम केंद्रीय बैंक ने कंपनियों द्वारा किए गए अनियमित उधार प्रथा को देखते हुए उठाया है। इन दोनों ही कंपनियों के खिलाफ रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934 के सेक्शन 45-IA (6) के तहत यह कार्रवाई की गई है।
आरबीआई ने कब दिया था लाइसेंस?
पॉलीटेक्स इंडिया लिमिटेड के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई?
Politex India Limited ने क्लाइंट सोर्सिंग, केवाईसी सत्यापन, क्रेडिट मूल्यांकन, ऋण वितरण, लोन वसूली और उधारकर्ताओं के साथ अनुवर्ती कार्रवाई और उधारकर्ताओं की शिकायतों पर ध्यान देने और उनका अमधान करने से जुड़े अपने मुख्य निर्णय लेने वाले कार्यों को आउटसोर्सिंग में करके वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में आचार संहिता पर लागू आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा कंपनी ने लोन से संबंधित गतिविधियों को आउटसोर्स करते समय अपने सेवा प्रदाता से एक निश्चित शुल्क अर्जित किया, जबकि सेवा प्रदाता ने इन लोन पर उधारकर्ता से लिया जाने वाला ब्याज अर्जित किया। वहीं कुछ मामलों में आरबीआई द्वारा जारी निष्पक्ष व्यवहार संहिता से संबंधित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए अत्यधिक ब्याज दरों पर अर्जित किया।
स्टार फिनसर्व ने किया इन नियमों का उल्लंघन
स्टार फिनसर्व इंडिया लिमिटेड ने अपने डिजिटल लोन संचालन में वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में आचार संहिता पर आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। जिसमें क्रेडिट मूल्यांकन लोन स्वीकृति के साथ-साथ केवाईसी सत्यापन प्रक्रिया जैसे मुख्य निर्णय लेने वाले कार्यों को सेवा प्रदाता को आउटसोर्स करना शामिल है। कंपनी ने सेवा प्रदाता को ग्राहक डेटा तक पूरी पहुंच प्रदान करके डेटा गोपनीयता और ग्राहक जानकारी की सुरक्षा से संबंधित नियमों का भी उल्लंघन किया है। इसके अलावा कंपनी ने अपने ग्राहकों को स्थानीय भाषा में ऋण समझौते और स्वीकृति पत्र की प्रति उपलब्ध न कराकर भी नियमों का उल्लंघन किया है।