Retail Inflation In July 2023: जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर में उछाल आया है। 15 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए महंगाई दर 7.44 फीसदी तक पहुंच चुकी है। सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने सोमवार को नए आँकड़े जारी कर दिए हैं। थोक मुद्रास्फीति में गिरावट देखी गई है। सबसे ज्यादा इजाफा खाने-पीने की चीजों में हुआ है। पिछले साल जुलाई में रीटेल इन्फ्लेशन 6.71 फीसदी देखा गया था। इससे पहले अप्रैल 2022 में मुद्रास्फीति 7.79 फीसदी थी।
आरबीआई के काबू से बाहर महंगाई
इस बार खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा निर्धारित सीमा से ज्यादा है। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगातार 3 बार रेपो रेट में कोई वृद्धि नहीं की। वर्तमान में दरें 6.75 फीसदी पर बरकरार है। इस बार जुलाई-सितंबर तिमाही में अनुमानित महंगाई दर 6.2 फीसदी है।
खाने-पीने के चीजों पर बढ़ी महंगाई
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 11.51 फीसदी दर्ज की गई, जो जून में 4.55 फीसदी थी। वहीं पिछले साल समान महीने में खाद्य पदार्थों का महंगाई दर 6.69 फीसदी थी। वहीं सब्जियों की वार्षिक महंगाई दर 37.43% है।
थोक महंगाई दर में गिरावट
थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है। सब्जियों के भाव में उछाल के बावजूद जुलाई में लगातार चौथे महीने में गिरावट दर्ज की गई है। दरें 0 से 1.36% के नीचे बरकरार हैं। थोक मुकी सूचनक आधारित मुद्रास्फीति में पिछले महीने 4.12% की कमी आई थी। जुलाई में खाने-पीने के चीजों की मुद्रास्फीति 14.25% रही। वहीं जून में इसका आंकड़ा 1.32% रहा।