Rupee Record Low: रूपये में आई गिरावट बढ़ा सकती है आम जनता की चिंता, हो सकते हैं ये बदलाव, जाने

Manisha Kumari Pandey
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। Rupee Record Low:- सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट दर्ज की गई। 43 पैसे की कमजोरी के साथ खुलने के साथ रुपए का निचला लेवल 78.29 रुपए रहा, जो सबसे कम है। पहली बार डॉलर 78 के नीचे आया है।इस साल रुपये में 5.25 की गिरावट देखी गई है। तो वहीं डॉलर इंडेक्स 104 के पार जा चुका है, इसी के साथ इस साल डॉलर इंडेक्स में 9% कि मजबूती आई है। रुपये में कमजोरी जनता की मुश्किलें बढ़ा सकती है।

विदेश में पढ़ना पड़ेगा महंगा

कई छात्र अच्छाई पढ़ाई की चाह में विदेश के कॉलेज में जाते हैं। लेकिन यदि रुपये में गिरावट ऐसी ही रही तो विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी। साथ ही हॉस्टल और कॉलेज फीस में वृद्धि होगी।

यह भी पढ़े… MP News: सीएम शिवराज ने की अमित शाह से मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा, आमजन को जल्द मिलेगा लाभ

इम्पोर्ट बिल बढ़ने की है संभावना

रुपये की कमजोरी के कारण इम्पोर्ट बिल पर भी असर पड़ेगा। भारत जिन जगहों पर डॉलर में भुगतान करता है, वहाँ महंगाई बढ़ेगी। इम्पोर्ट बिल बढ़ने का सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

महंगाई बढ़ने से जनता को लग सकता है झटका

यदि डॉलर के सामने रुपये कमजोर होगा तो क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ेगी, जिसका सीधा असर पेट्रोल और डीजल के रेट पर पड़ेगा। यदि आने वाले दिनों में ऐसे ही रुपये में गिरावट होती रही तो भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ सकते हैं।

विदेश घूमने में लगेंगे ज्यादा पैसे

ज्यादातर देशों में डॉलर के पेमेंट होता है, जिससे यदि कोई भारतीय विदेश यात्रा पर जाता है तो उसे अधिक भुगतान करना होगा। रुपये में आई कमजोरी के कारण विदेश यात्रा में महंगी हो जाएगी।

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News