Zee Sony’s merger: सुभाष चंद्रा के द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे गए अपने पत्र में उन्होंने SEBI पर ‘पूर्व निर्धारित मानसिकता’ के साथ काम करने का आरोप लगाया और माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की सुरक्षा के लिए उनसे दखल देने की मांग की। चंद्रा ने चिट्ठी में लिखा की, “मैं यह सुझाव नहीं दे रहा हूं कि अगर सेबी को किसी भी तरह का संदेह है तो उसे जांच नहीं करनी चाहिए। कंपनी और अन्य सभी लोग जांच में सहयोग कर रहे हैं, यहां तक कि विभाग ने एक पूर्व डायरेक्टर को भी तलब किया है, उनसे 4 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई है।”
जी के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने आगे लिखा की उनकी चिंता इस नए नोटिस के समय और इसकी जरूरत के बारे में है। उनका कहना है की ये जी और कल्वर मैक्स के विलय की टाइमलाइन से मेल खाता है।
22 जनवरी को जी-सोनी मर्जर को दिया था कैंसिल:
दरअसल 22 जनवरी को जी के साथ हो रहे सोनी के मर्जर को कैंसिल कर दिया गया था। जिसके बाद जी के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिख इसमें SEBI को आरोपी ठहराया है। जानकारी के मुताबिक सुभाष चंद्रा ने इस आरोप के साथ वित्त मंत्री से माइनॉरिटी शेयरहोल्ड्स की हितरक्षा की मांग की है ताकि उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल किया जा सके और उनकी राय सुनी जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि जी और कल्वर मैक्स का विलय निर्धारित समय सीमा से पहले हो रहा था, और सेबी के नए नोटिस ने इसे कमजोरी में डाल दिया है। सुभाष चंद्रा ने अपने पत्र में सेबी के साथ सहयोग करने का सुझाव दिया और उसे जांच में सहारा देने की बात भी कही।