Success Story: कभी पत्नी को जूते दिलाने के लिए नहीं थे 200 रुपये, आज मंथली कमाते हैं करोड़ों

मोमोमिया का टर्नओवर 25 करोड रुपए सालाना तक पहुंच चुका है। केवल इतना ही नहीं, उनकी कंपनी में 400 से अधिक लोग काम भी करते हैं।

Sanjucta Pandit
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Success Story : कहते हैं सफलता उम्र देखकर नहीं मिलती बल्कि यह आपकी मेहनत और काबिलियत के दम पर मिलती है। यह उस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए कितने ज्यादा डेडिकेटेड है। आपकी मेहनत और कड़ी लगन ही आपको सफलता दिला सकती है, क्योंकि इस रास्ते में उतार-चढ़ाव तो बहुत आएंगे, लेकिन इससे आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, बल्कि इसका डटकर सामना करना ही आपको सक्सेस दिला सकता है। ऐसी ही एक सक्सेस स्टोरी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिनके पास कभी अपनी पत्नी को जूते दिलाने के लिए ₹200 तक जेब में नहीं थे और आज उनकी किस्मत कुछ इस कदर बदली की वह महीने में दो करोड़ से अधिक रुपए कमाते हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको फूड स्टार्टअप मोममिया के फाउंडर देवाशीष मजूमदार की सक्सेस स्टोरी बताएंगे।

Success Story: कभी पत्नी को जूते दिलाने के लिए नहीं थे 200 रुपये, आज मंथली कमाते हैं करोड़ों

बंगाल में हुआ जन्म

सबसे पहले हम आपको यह बता दें कि देवाशीष इसका जन्म मिडिल क्लास फैमिली में हुआ। बंगाली होने के कारण उनकी हिंदी काफी टूटी-फूटी थी। शुरुआती दिनों में अपने करियर के उस मोड पर थे, जब उन्हें 18 सो रुपए महीने मिलता था, तब उन्होंने जी तोड़ मेहनत की और 1800 को उन्होंने ₹1,00,000 में तब्दील किया। धीरे-धीरे उन्होंने बिजनेस में भी हाथ आजमाया, लेकिन वह सफल न हो चुका, बल्कि देवाशीष कर्ज के शिकार हो गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और नौकरी छोड़कर मोमोज बेचना शुरू किया। एक समय था जब उनके पास अपनी पत्नी को जूते दिलाने के लिए ₹200 तक नहीं थे। आज एक समय है जब 8 लाख के कर्जदार देवाशीष हर महीने 2 करोड रुपए से भी अधिक काम लेते हैं। बता दें कि उनके कारोबार आज पूरे देश भर में फैल चुका है और पूरे इंडिया में इसके 100 से ज्यादा आउटलेट्स है।

करोड़ों की संपत्ति

शुरू से ही उन्होंने बिजनेसमैन बनने का सपना देखा था। हालांकि, घर के हालात ऐसे नहीं थे कि वह कोई बिजनेस शुरू कर पाए क्योंकि वह पढ़ाई में पहले से ही काफी ज्यादा तेज दरार थे। इसलिए पढ़ाई पूरी करते ही उन्हें एक्सिस बैंक में नौकरी मिल गई, लेकिन वहां पर उनकी सैलरी मात्र 18 सो रुपए थी यहां पर काम करते-करते उन्होंने आइसक्रीम की एक दुकान खोली, लेकिन वह चला नहीं जिस कारण वह ₹800000 गवां बैठे जोकि उनके लिए बहुत बड़ा नुकसान था। इससे वह मेंटली भी परेशान हो गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 3 कर्मचारियों के साथ मिलकर साल 2018 में 3.5 लाख रुपए निवेश कर मोममिया कंपनी की शुरुआत की। साल 2020 तक उनका यह बिजनेस बहुत तेजी से आगे बढ़ा। अब वह लोगों को फ्रेंचाइजी देते हैं, जिसके लिए उन्हें 2.5 लख रुपए फीस भी मिलती है। टोटल सेल पर उन्हें 5% रॉयल्टी मिलती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोमोमिया का टर्नओवर 25 करोड रुपए सालाना तक पहुंच चुका है। केवल इतना ही नहीं, उनकी कंपनी में 400 से अधिक लोग काम भी करते हैं।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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