RBI Action: जुलाई में एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक का एक्शन देखने को मिला है। आरबीआई ने पांच सहकारी बैंकों पर भारी पेनल्टी लगाई है। इस लिस्ट में महाराष्ट्र के चार और तमिलनाडु का एक बैंक शामिल है। जानकारी के लिए बता दें इस महीने केंद्रीय बैंक पहले ही आठ बैंकों पर जुर्माना लगा चुका है, जिसमें जिसमें पब्लिक सेक्टर पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल है। वहीं कई बैंकों का लाइसेंस भी रद्द किया गया है।
बैंक के वैधानिक निरीक्षण के दौरान नियमों में खामियों का खुलासा हुआ। यह सामने आया कि बैंकों उक्त निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है। जिसके बाद सभी बैंकों नोटिस भी जारी किया गया और पूछा गया “उनपर जुर्माना क्यों न लगाया जाए?” बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान पेश किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद ही यह एक्शन लिया गया है।
बैंकों के नाम
- सिवागंगाई डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तमिलनाडु
- अबासाहेब पाटिल रेंडल सहकारी बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र
- कृष्णा सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र
- नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भिवंडी, महाराष्ट्र
- द महाबलेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र
ये है वजह
- आरबीआई ने सिवागंगाई डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इस बैंक ने नाबार्ड को धोखाधड़ी की सूचना देने में देरी की। जिसके बाद आरबीआई ने कार्रवाई की है।
- अबासाहब पाटिल रेंडल सहकारी बैंक लिमिटेड ने एसएएफ के तहत जारी विशिष्ट निर्देशों का उल्लंघन किया। 100% अधिक जोखिम भरे ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए। आरोपों की पुष्टि होने के बाद आरबीआई ने 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
- कृष्णा सहकारी बैंक लिमिटेड पर आरबीआई ने 2 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई ह। इस बैंक ने नाम मात्र सदस्यों को निर्धारित सीमा से अधिक ऋण स्वीकृत किया।
- नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर भी 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने ग्राहकों से उनके निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए शुल्क लिया।
- द महाबलेश्वर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर भी 2 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है। बैंक ने निर्धारित विन्यामक सीमा से अधिक सुरक्षित अग्रिम स्वीकृत किए और लोन स्वीकृत करने समय उधारी दिशा-निर्देशों को साझा करने का पालन नहीं किया।