दिवाली से पहले मिला ग्राहकों को तोहफा, इस सरकारी बैंक ने सस्ता किया लोन, घटाया MCLR, जानें डिटेल 

सरकारी बैंक ने एमसीएलआर दरों को घटाकर लोन सस्ता कर दिया है। नई एमसीएलआर दरें 8.20% से लेकर 9.1% है।

bank loan

Bank Loan: देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई ने लोन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। बैंक ने दिवाली से पहले लोन के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.25% की कटौती कर दी है। एमसीएलआर रेट 15 अक्टूबर से लेकर 15 नवंबर 2024 तक प्रभावी रहेंगे।

बता दें कि अक्टूबर में आयोजित हुई आरबीआई की एमपीसी बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके बावजूद एसबीआई ने न्यूनतम लेंडिंग रेट में बदलाव करने का निर्णय लिया है। एमसीएलआर में कमी के कारण होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और अन्य ऋण सस्ता हो सकता है। इसके आधार पर ही लोन की ब्याज दरें तय की जाती है। हालांकि अन्य दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया है।

कितनी हैं लोन की नई दरें? (SBI Loan MCLR) 

एसबीआई लोन की नई एमसीएलआर दरें 8.20% से लेकर 9.1% है। ओवरनाइट रेट 8.20 है। एक महीने के लिए एमसीएलआर 8.45% से घटकर 8.20% हो चुका है। 6 महीने की दरें 8.85%, एक साल के लिए 8.95%, 2 साल के लिए 9.05% और तीन साल के लिए 9% है।

बेस रेट और बीपीएलआर क्या है? (State Bank Of India) 

एसबीआई ने 15 सितंबर 2024 को बेस रेट और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) में भी बदलाव किया था। वर्तमान में बेस रेट 10.40% और बीपीएलआर 15.15% है।

एसबीआई एफडी ब्याज दरें (SBI FD Rate) 

रेपो रेट को लेकर आरबीआई एमपीसी फैसले के बाद एसबीआई ने लोन से ब्याज दरों में संशोधन किया है। लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें स्थिर हैं। आखिरी बार बैंक ने 15 जुलाई 2024 को इन्टरेस्ट रेट को अपडेट किया था। बैंक फिलहाल 7 दिन से लेकर 10 वर्ष के एफडी पर सामान्य नागरिकों को 3.50% से लेकर 7% ब्याज दे रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए इन्टरेस्ट रेट 4% से लेकर 7.50% है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News