RBI Deposite Insurance Scheme: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश के सभी बैंकों की निगरानी करता है। साथ ही ग्राहकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। जिसके लिए कई योजनाएं भी आरबीआई द्वारा चलाई जाती है। जिसका लाभ उठा कर बैंक के ग्राहक अपने पैसों की सुरक्षा कर सकते हैं। ऐसी ही एक योजना के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। जिसका नाम आरबीआई डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम है। इस योजना के तहत बैंक के डूबने के बाद भी कस्टमर्स की रकम सुरक्षित होती हो। सेंट्रल बैंक के सब्सिडियरी DICGC द्वारा यह स्कीम संचालित होती है, जो सभी बैंकों के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस की सुविधा देती है।
यह योजना सभी बैंकों के लिए अनिवार्य होती है। कोई भी बैंक इससे मना नहीं कर सकता है। इसके तहत ग्राहकों के जमा राशि में 5 लाख रुपये पर इंश्योरेंस की गारंटी मिलती है। यदि किसी कारण बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है, तो इस स्थिति में ग्राहकों उनकी जमा राशि में से 5 लाख रुपये मिलते हैं। हालांकि इससे अधिक राशि जमा होने पर भी 5 लाख रुपये ही रिटर्न मिलते हैं। रकम की राशि कुल जमाओं पर आधारित होती है।
डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम विदेशी बैंकों पर भी लागू होती है। इसके अलावा लोकल, राष्ट्रीय और ग्रामीण बैंकों को भी जमाकर्ताओं को यह इंश्योरेंस स्कीम प्रदान करनी पड़ती है। डीआईसीजीसी सभी बीमाकृत बैंकों को प्रिंटेड लीफलेट्स देता है। जिसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप बैंक के ब्रांच से इस लीफलेट की मांग कर सकते हैं। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट-2021 के मुताबिक यदि कोई बैंक डूबने के बाद पैसे वापस करने में असफल होता है, तो नियमों के मुताबिक डीआईसीजीसी 5 लाख रुपये की राशि 45 दिनों में सभी ग्राहकों को रिटर्न करता है।