बीते कुछ समय से SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश के तरीके को चुनने का चलन कुछ बढ़ा है। अगर आपने भी ये तरीका अख्तियार किया है तो इंस्टॉलमेंट के पेमेंट का खास ध्यान रखना जरूरी है। ये एक ऐसा इंवेस्टमेंट है जिसमें खुद भी सिस्टेमेटिक और डिसिप्लीन होना बहुत जरूरी है। अधिकांश लोग हर माह इस फंड में निवेश का ऑप्शन चुनते हैं। कई म्यूचुअल फंड हाउसेज ऑटो पे की सुविधा भी देते हैं। अगर आपकी SIP में हर महीने इंस्टॉलमेंट जानी है तो तयशुदा तारीख पर पैसा आपके अकाउंट से डिडक्ट हो जाएगा।
जान लीजिए नियम
SIP में इंस्टॉलमेंट जाने के समय पर आपके अकाउंट में पर्याप्ट अमाउंट होना चाहिए। अगर आपके बैंक में पैसे कम होंगे तो आपकी इंस्टॉलमेंट अदा नहीं हो सकेगी। हालांकि सिप का पेमेंट चूक जाने पर म्यूचुअल फंड हाउस किसी तरह की पेनल्टी नहीं लगाता है। अगले महीने आपके सेविंग अकाउंट से फिर किश्त कट जाएगी। लेकिन जो लोग लॉन्ग टर्म के लिए इसका उपयोग करते हैं वो ऐसी नौबत नहीं आने देते हैं।
यहां से लगती है पैनल्टी
आप पेमेंट से चूकते हैं तो म्यूचुअल फंड हाउस जरूर कोई पैनल्टी नहीं लगाता लेकिन बैंक की ओर से पैनल्टी लगती है। ये पैनल्टी 250 से लकेर 500 रु तक की हो सकती है। ज्यादा बार पैनल्टी मिस होने से इसका असर म्यूचुअल फंड की स्कीम पर पड़ता है। आपका रिटर्न भी कम हो सकता है।
बंद हो सकता है सिप अकाउंट
अगर आप लगातार तीन बार किश्त जमा करने से चूकते हैं तो म्यूचुअल फंड हाउस आपका खाता बंद कर सकता है। हालांकि आपको आपका पैसा जरूर मिल जाएगा। अगर आपको पेमेंट में दिक्कत आ रही है तो आप खुद सिप अकाउंट बंद करवा सकते हैं।
रिटर्न पर असर
लॉन्ग टर्म सिप का फायदा ही ये है कि आपको अच्छा रिटर्न मिले। इसी उम्मीद से इस प्लान को चुना जाता है। आप अगर बार बार किश्त जमा करने से चूकते हैं तो आपको रिटर्न में नुकसान उठाना पड़ सकता है। जैसा कि इस खाते का नाम है सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान, इसके मुताबिक निवेशक को भी सिस्टमैटिक होना जरूरी है।
*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई सामान्य जानकारी है, इसलिए बैंक या जानकर व्यक्ति से सलाह लेकर ही उचित काम करें। Mpbreakingnews दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।