Intraday Trading: अक्सर लोगों के मन में शेयर मार्केट के बारे में जानने की इच्छा उत्पन्न होती हैं। हालांकि शेयर बाजार का नाम सुनते ही लोगों के मन में वित्तीय जोखिम का डर पैदा हो जाता हैं। हालांकि बीते कुछ सालों में भारतीय शेयर बाजार में बड़ा बदलाव हुआ हैं। लोगों का विश्वास अब शेयर बाजार पर बड़ा हैं।
दरअसल ऐसे कई आंकड़े बताते हैं कि बीते कुछ सालों भारतीय शेयर बाजार ने बड़ी ऊंचाइयों को हासिल किया हैं। वहीं धीरे धीरे अब निवेशक भी बढ़ते जा रहे हैं। आज हम इस खबर में इंट्रा डे ट्रेडिंग पर बात करने वाले हैं। तो चलिए जानते है क्या होती है इंट्राडे ट्रेडिंग।
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब है कि एक ही ट्रेडिंग दिन के अंदर स्टॉक और अन्य वित्तीय उपकरणों की खरीद-बिक्री की जाती हो। इसमें ट्रेडर्स का लक्ष्य अल्पकालिक मूल्य में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाना होता है, जिससे वे बाजार की अस्थिरता के आधार पर मुनाफा कमाते हैं। दरअसल इस तरह की ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण होता है, साथ ही बाज़ार की स्थितियों को ध्यान में रखना भी आवश्यक है।
इन्वेस्टिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग में अंतर?
वहीं आपको बता दें कि इंट्राडे ट्रेडिंग और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग में विशेष अंतर है, क्योंकि इनवेस्टिंग में आप अपने पूंजी को लंबे समय तक निवेश करते हैं और उससे दी गई डिपॉजिट पर लंबे समय तक कुछ रिटर्न प्राप्त करते हैं। लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन में सारी गतिविधियां करते हैं।
जानें इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे:
दरअसल इंट्राडे ट्रेडिंग का एक बड़ा लाभ यह है कि यह त्वरित लाभ की संभावना प्रदान करती है। यानी इसमें आपको एक ही दिन में अनेक व्यापारिक मौके मिलते हैं, जिससे आपकी निवेश संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके अतिरिक्त, इंट्राडे ट्रेडिंग में लीवरेज और मार्जिन ट्रेडिंग का उपयोग करके आप अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, इंट्राडे ट्रेडिंग से आपको निवेश में अधिक लिक्विडिटी और फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है। हालांकि इसमें वित्तीय जोखिम हो सकता हैं। इसीलिए ऐसे किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।