उम्मीदवारों के लिए जरूरी खबर, एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में हुआ बड़ा बदलाव, जानें अपडेट

एसएससी जीडी कॉन्स्टेबल परीक्षा के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। 20 फरवरी से परीक्षा शुरू होगी। उम्मीदवार ssc.nic.in पर जाकर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

Manisha Kumari Pandey
Published on -
SSC recruitment 2024

SSC GD Constable 2024: कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission) द्वारा आयोजित होने वाली जीडी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में बड़ा बदलाव हुआ है। छात्रों के हित में गृह मंत्रालय ने 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा आयोजित करने की घोषणा कर दी है। इस भर्ती परीक्षा के तहत सीएपीएफ में उम्मीदवारों की नियुक्ति होगी।

इन भाषाओं में होगी परीक्षा

पहली बार सीएपीएफ जीडी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन 13 क्षेत्रीय भाषाओं में होने जा रहा है। अब तक केवल अंग्रेजी और हिन्दी भाषा में एग्जाम आयोजित होते थे। इस बार परीक्षा असमी, गुजराती, बंगाली, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल, ओडिया, उर्दू, मणिपुरी, कोंकणी और मणिपुरी भाषा में आयोजित होगी।

उम्मीदवारों को मिलेगा समान अवसर

गृह मंत्रालय के मुताबिक यह निर्णय उम्मीदवारों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे लाख युवा अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा दे पाएंगे। ऐसे में कैंडीडेट्स की परफॉरमेंस बेहतर होगी। और बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा का हिस्सा बन पाएंगे। सभी को समान अवसर भी प्राप्त होगा।

9 दिनों में शुरू होगी परीक्षा

20, 21, 22, 23, 24, 26, 27, 28, 29 फरवरी और 1, 5, 6, 7, 11 12 मार्च को एग्जाम देशभर के 120 शहरों में आयोजित होंगे। इस दौरान करीब 48 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होंगे। एसएससी ने एडमिट कार्ड भी जारी कर दिए हैं। भर्ती परीक्षा के आधार पर सीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स और सीआरपीएफ में उम्मीदवारों की भर्ती होगी। रिक्त पदों की संख्या कुल 26146 है। कैंडीडेट्स ऑफिशियल वेबसाइट ssc.nic.in पर जाकर प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News