UGC PhD Admission 2023 : यूजीसी द्वारा बड़ी तैयारी की गई है। इसके तहत पीएचडी प्रवेश के नियम को बदला गया है। वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत पदोन्नति के लिए पात्रता मानदंड पर भी स्पष्टीकरण जारी कर दिया गया है। पीएचडी स्कॉलर को इसका लाभ दिया जाना है।
स्पष्टीकरण जारी
पीएचडी स्कॉलर का मार्गदर्शन करने के लिए पात्रता मानदंड की संतो के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि पात्र स्थाई संकाय सदस्य पीएचडी का मार्गदर्शन कर सकते हैं। आयोग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि विद्वान को उनकी परिवीक्षा अवधि के दौरान भी पीएचडी सदस्य का मार्गदर्शन करना होगा। यूजीसी ने 20 जनवरी को आयोजित अपनी 565 बैठक में इस मामले में चर्चा की है। वहीं आयोजन सभी विश्वविद्यालय से पदोन्नति के लिए सीएएस प्रावधान का पालन करने उसके निर्णय का पालन करने का अनुरोध किया गया है।
पदोन्नति पर स्पष्टीकरण
इतना ही नहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शैक्षणिक स्तर 12 से लेकर शैक्षणिक स्तर 13 और 13 से शैक्षणिक स्तर 14 तक विश्वविद्यालय के शिक्षकों की पदोन्नति के लिए पात्रता मानदंड पर स्पष्टीकरण जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कम से कम निर्देशित होने के साक्ष्य एक पीएचडी उम्मीदवारों सफलतापूर्वक निर्देशक उम्मीदवारों का प्रमाण होना आवश्यक है। पिछले साल नवंबर की बैठक में शिक्षकों की पदोन्नति की पात्रता के संबंधों में प्रश्नों का समाधान भी किया गया था।
डॉक्टरेट गाइड
करियर एडवांसमेंट स्कीम विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए नियम यह योजना विश्वविद्यालय में शिक्षकों के करियर में उन्नति के लिए लागू होती है। यह एक अनिवार्य संरचना है। जिसमें एक व्यक्तिगत संकाय सदस्य एक उच्च पद पर ट्रांसफर किए जाते हैं और रिती के अभाव में उन्हें पदोन्नति देकर उन्हें भुगतान किया जाता है। नियम के तहत सी ए एस के लिए आवेदन करने उम्मीदवार के पास प्रासंगिक विषय और संबंध के विषय में पीएचडी की डिग्री होनी आवश्यक है। वही यूजीसी सूची बंद पत्रिका में कम से कम 10 शोध प्रकाशन होने चाहिए। जिनमें से 3, 2 प्रकाशन मूल्यांकन अवधि के दौरान प्रकाशित हुए होने आवश्यक है। इसके साथ ही उनके पास डॉक्टर उम्मीदवारों का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन करने का भी प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।