CBSE Board Exam 2024: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की हैं। बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी गुरुवार से शुरू होगी। कुछ नए नियमों को इस सत्र से लागू किया जाएगा। कुछ नियमों की शुरुआत अगले शैक्षणिक सत्र से होगी। प्रश्न पत्र से लेकर रिजल्ट के पैटर्न में बदलाव देखने को मिलेगा। अगले साल से सीबीएसई साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित कर सकता है। इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। स्पोर्ट्स और Olympiads में भाग लेने वाले छात्रों के लिए भी विशेष प्रावधान आ सकता है।
कॉम्पार्टमेंट परीक्षा का नाम बदला
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सीबीएसई ने Compartment Exam का नाम बदलकर Supplementary Exam परीक्षा रख दिया है। बोर्ड द्वारा हर साल परीक्षा में किसी विषयमें फेल होने या बुरे अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए बोर्ड एक विशेष परीक्षा का आयोजन करता है, जिसे कंपार्टमेंट परीक्षा कहा जाता है। जुलाई में सप्लीमेंट्री परीक्षा का आयोजन होगा इसके परिणाम अगस्त में जारी होंगे।
12वीं के अकाउन्टेंसी पेपर में बदलाव
कक्षा 12वीं अकाउंटेंसी के पेपर में को लेकर भी नए नियम लागू किए गए हैं। आंसर बुक पहले टेबल्स दिए जाते थे जिसे बोर्ड ने समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस बात की घोषणा बोर्ड ने पिछले वर्ष ही कर दी थी।
10वीं के प्रश्न पत्र में बदलाव
परीक्षा के पैटर्न को लेकर भी कई बदलाव किए हैं। साल इस प्रश्न पत्र में बहुविकल्पीय प्रश्नों की संख्या में वृद्धि कर दी गई है। सब्जेक्टिव प्रश्नों संख्या में कटौती हुई है। दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 20% बहुविकल्पीय प्रश्न और 30% शॉर्ट एंड लॉन्ग आंसर टाइप प्रश्न पूछे जाएंगे
12वीं के प्रश्न पत्र का प्रारूप
12वीं बोर्ड परीक्षा में 20% प्रश्न मल्टीपल चॉइस प्रारूप में होंगे और 40% प्रश्न शॉर्ट एंड लॉन्ग आंसर टाइप वाले होंगे। शिक्षा नीति के मुताबिक योग्यता आधारित सवालों को शामिल करने के लिए मूल्यांकन में बदलाव किया गया है। 40% सवाल प्रैक्टिकल स्किल्स पर आधारित होंगे।
रिजल्ट के पैटर्न में बदलाव
रिजल्ट के पैटर्न को लेकर भी इस बार सीबीएसई ने बड़ा ऐलान किया है। इस सत्र में रिजल्ट में ओवर डिविजन, डिस्टिंक्शन मार्क्स और परसेंटेज की जानकारी नहीं दी जाएगी। ना ही बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा के टॉपर्स की घोषणा करेगा इसके अलावा बोर्ड ने 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को दी जाने वाले डिस्टिंक्शन श्रेणी को भी बंद करने का निर्णय लिया है।