CBSE Board Exam 2025: सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं 4 अप्रैल को खत्म होने वाली है। आखिरी दिन सायकोलॉजी का पेपर है। कई छात्र इसे ऑप्शनल विषय के रूप में चुनते हैं। कक्षा 12वीं सायकोलॉजी का पेपर 70 अंक का होता है। इसकी अवधि 3 घंटे होती है। प्रश्न पत्र सेक्शन ए, सेक्शन बी, सेक्शन सी, सेक्शन डी, सेक्शन ई और एफ में बंटा होता है। सेक्शन ए में 14 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं।
सेक्शन बी में दो और सेक्शन सी में तीन अंक के शॉर्ट आंसर टाइप प्रश्न होते हैं। वहीं क्षेत्र डी और सेक्शन ई लॉंग आंसर टाइप प्रश्नों का होता है। सेक्शन एफ में बेस्ड प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है, शब्द सीमा 20 होती है।

सायकोलॉजी विषय की परीक्षा में शामिल होने के पहले तैयारी अच्छी होनी चाहिए। यह आपके कमजोर विषय को मैनेज कर सकता है। इसलिए छात्रों मार्किंग स्कीम और सिलेबस की पूरी जानकारी होनी चाहिए। पूरा सिलेबस भी कवर होना चाहिए। सही प्रैक्टिस भी चाहिए। इसके अलावा अच्छा स्कोर करने के लिए सही तरीके से उत्तर लिखना भी बहुत जरूरी होता है। आप कुछ लास्ट मिनट टिप्स को फॉलो करके एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
ऐसे करें रिवीजन
- खुद के हैंडरिटेन नोट्स से रिवीजन करें। शॉर्ट नोट्स और फ़्लैशकार्ड को चेक करें।
- पिछले वर्षों में रिपिट हुए टॉपिक को अच्छे से रिवाइज करें। इन्हें छोटे शब्दों में Summerize कर याद रखें।
- कोई भी नया टॉपिक शुरू न करें। जिन चैप्टर को अपने अच्छे से पढ़ा हैं उन्हें की मजबूत करने की कोशिश करें।
- खुद को हेल्दी रखें। सेहत का ख्याल रखें। डाइट भी सही होना चाहिए।
- नींद पूरी करें। रिलैक्स होकर पेपर लिखें।
इन टॉपिक को जरूर रिवाइज करें
बुद्दि के विभिन्न रूप, गार्डनर का बहु-बुद्धि सिद्धांत, भावनात्मक बुद्धि, तनाव के स्त्रोत, तनाव के प्रभाव, फ्राइडमैन आउए रोसेनमैन का व्यक्तित्व सिद्धांत, जीवन कौशल, स्वयं के संज्ञानात्मक और व्यवहारिक पहलू, दैहिक लक्षण और संबंधित विकार, संज्ञानात्मक चिकित्सा, दृष्टिकोण की विशेषताएं, अवसादग्रस्तता विकार और व्यक्तिगत व्यवहार पर समूह का प्रभाव जैसे टॉपिक से हमेशा प्रश्न पूछे जाते हैं। इन्हें अच्छे से पढ़ लें।
पेपर लिखते समय करें ये काम
- उत्तर लिखने से पहले प्रश्न को अच्छे से पढ़ें। 15 मिनट का समय प्रश्न पत्र को पढ़ने के लिए ही दिया जाता है।
- किसी भी आंसर को उत्तर पुस्तिका पर लिखने से पहले अपने दिमाग में ऑर्गेनाइज कर लें।
- उत्तर को सिंपल शब्दों में लिखने की कोशिश करें। सायकोलॉजिकल टर्मिनोलॉजी का इस्तेमाल जरूर करें।
- आंसर को सपोर्ट करने के लिए उदाहरण, थ्योरी, स्टडी डायग्राम और ग्राफ को शामिल जरूर करें।
- टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है। प्रत्येक सेक्शन के लिए समय आवंटित करें और इसी के हिसाब से इन्हें पूरा करने की कोशिश करें। आखिरी समय रिवीजन के लिए निकालें।