CBSE Notice: थ्योरी और प्रैक्टिकल ने अंकों में बड़ा अंतर, AI ने किया खुलासा, पारदर्शिता पर उठे सवाल, स्कूलों को एड्वाइजरी जारी 

सीबीएसई ने उन्नत एआई टूल के जरिए लगभग 500 सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों में 50% या अधिक छात्रों के बीच कुछ विषयों में सिद्धांत और व्यवहारिक अंकों के बीच महत्वपूर्ण अंतर का पता लगाया है।

Manisha Kumari Pandey
Published on -
cbse news

CBSE Notice: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रैक्टिकल परीक्षा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। AI टूल के जरिए सीबीएसई ने कुछ विषयों में थ्योरी और प्रैक्टिकल के अंकों में महत्वपूर्ण अंतर का पता लगाया है। जो स्कूलों में आयोजित होने वाले प्रैक्टिकल परीक्षा के पारदर्शिता पर सवाल भी खड़े करता है। इस संबंध में बोर्ड ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को एड्वाइज़री जारी है।

प्रैक्टिकल परीक्षाओं के दौरान सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की जरूरत- बोर्ड ने कहा

बुधवार को जारी एक नोटिस में सीबीएसई ने कहा, “सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकन्डेरी एजुकेशन ने उन्नत एआई टूल के जरिए लगभग 500 सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों में 50% या अधिक छात्रों के बीच कुछ विषयों में सिद्धांत और व्यवहारिक अंकों के बीच महत्वपूर्ण अंतर का पता लगाया है।” आगे बोर्ड ने कहा, “पिछले वर्षों के परिणाम के आंकड़ों के आधार पर यह भिन्नता स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षाओं के दौरान सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की जरूरत पर प्रकाश डालता है।”

मूल्यांकन प्रक्रिया हो मजबूत, पारदर्शी और विश्वसनीय 

इन मामलों को देखते हुए सीबीएसई ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को इंटरनल एसेस्मेंट प्रोसेस की समीक्षा करने की सलाह दी है। आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रियाओं के लिए अधिक मजबूत, पारदर्शी और विश्वसनीय तंत्र लागू करने के लिए यह कदम उठाया है। साथ ही यथार्थवादी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने स्कूलों को एड्वाइज़री जारी की है। ऐसे में सिफारिश या किसी जुगाड़ के आधार पर नहीं बल्कि छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में प्राप्त अंक प्रैक्टिकल परीक्षा में जोड़े जाएंगे।

ये एड्वाइज़री है रिमाइन्डर- सीबीएसई ने कहा

बोर्ड ने कहा, “यह Advisory व्यवहारिक परीक्षाओं के मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता देने के लिए एक अनुस्मारक (Reminder) के रूप में काम करती है, जिससे सीबीएसई से संबद्ध संस्थानों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।”

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News