विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षा में कई बदलाव किए हैं। जिसमें डुअल डिग्री सुविधा सबसे खास है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हिस्सा है। हाल ही में आयोग ने 13 अप्रैल 2022 तक प्राप्त की गई दोहरी डिग्री (Dual Degree Rules) को भी मान्यता प्रदान कर दी है। जिन छात्रों ने इस तारीख से पहले हासिल की गई डुअल डिग्री को वैध नहीं माना जाएगा। 3 अप्रैल को आयोजित एक बैठक में यूजीसी ने यह फैसला लिया है। इससे संबंधित गाइडलाइंस पिछले हफ्ते जारी की गई है।
आयोग के फैसले से लाखों स्टूडेंट्स को राहत मिली है। इससे रोजगार और हायर एजुकेशन के अवसर भी बढ़ेंगे। डुअल डिग्री का उद्देश्य किसी व्यक्ति को रुचि से एक या एक अधिक विशिष्ट क्षेत्रों का गहन स्तर पर पढ़ाई करने में सक्षम बनाना है। इसके अलावा छात्रों को विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी, भाषा के साथ ही पेशेवर, तकनीकी और व्यवसायिक विषयों सहित विविध विषयों की पेशकश करके विचारशील और रचनात्मक व्यक्ति बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। वर्तमान समय में यदि कोई छात्र एक साथ दो डिग्री करना चाहता हैं तो कुछ नियमों का पालन भी करना होगा। संशोधित गाइडलाइंस भी जारी हो चुकी है।

ओडीएल या ऑनलाइन कोर्स के नियम
छात्रों एक फुल टाइम फिजिकल मोड डिग्री और एल ओपन एंड डिस्टेंस या ऑनलाइन मोड कोर्स में एक साथ दाखिला ले सकते हैं। यूजीसी/सरकारी से मान्यता प्राप्त ओडीएल/ओपन/ऑनलाइन शिक्षा संस्थानों से किए डिग्री या डिप्लोमा प्रोग्राम को ही वैध माना जाएगा। इसलिए ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में एडमिशन से पहले चेक करें कि संस्थान डिस्टेंस एजुकेशन काउन्सिल या डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो से मान्यता प्राप्त है या नहीं।
इन नियमों का भी रखें ख्याल
- छात्र फिजिकल मोड में एक साथ दो फुल टाइम अकादेमिक प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते हैं। ध्यान रखें दोनों कोर्स की क्लास टाइमिंग एक-दूसरे से नहीं करनी चाहिए।
- पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए डुअल डिग्री प्रोग्राम लागू नहीं होता।
- फुल टाइम फिजिकल मोड डिग्री के साथ सिर्फ 2 ओडीएल या ऑनलाइन प्रोग्राम से जुड़ सकते हैं।
- डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रम यूजीसी द्वारा अधिसूचित विनियमों और जहां भी लागू हो, संबंधित वैधानिक/व्यवसायिक परिषदों द्वारा शासित होंगे।