UGC New Fee Refund Policy: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने नई फीस रिफंड पॉलिसी की घोषणा कर दी है। जिसका लाभ छात्रों को सबसे ज्यादा होगा। नए नियम के तहत यदि कोई छात्र शैक्षणिक क्षेत्र 2024-25 में एडमिशन रद्द करता है या ट्रांसफर करता है तो उसे पूरी फीस वापस मिलेगी। इस संबंध में यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपति और कॉलेज/संस्थाओं के प्रिंसिपल और डायरेक्टर को नोटिस जारी किया गया है।
580वीं बैठक के दौरान यूजीसी ने लिया फैसला
यूजीसी की 580वीं बैठक के दौरान नई फीस रिफंड पॉलिसी को लेकर फैसला लिया गया है, जो आयोग से मान्यता प्राप्त सभी उच्च संस्थानों पर लागू होंगे। जिसके मुताबिक कॉलेज, विश्वविद्यालय कॉलेज और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों को 30 सितंबर तक छात्रों के एडमिशन कैंसिलेशन या माइग्रेशन पर पूरा फीस रिफंड देना होगा। प्रोसेसिंग फीस में से केवल 1000 रुपए की कटौती करने की अनुमति होगी। रिफंड की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरा करने का निर्देश भी दिया।
क्यों जारी हुई नई फीस रिफ़ंड पॉलिसी?
बता दें कि यूजीसी ने यह निर्णय उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा फीस वापस न करने के संबंध में छात्रों और अभिभावकों द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद लिया है। यदि कोई संस्थान फीस वापस करने से मना करता है, इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इसके बाद सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
यूजीसी ने कहा
नोटिस में आयोग ने कहा, “किसी भी दिशानिर्देश/अधिसूचना/प्रोस्पेक्टस/शेड्यूल में कुछ भी शामिल होने के बावजूद 30 सितंबर 2024 तक छात्रों के दाखिले/ट्रांसफर के बाद उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा फीस की पूरी वापसी की जाएगी 31 अक्टूबर 2024 तक की जाएगी। प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1000 रुपए से ज्यादा की कटौती नहीं की जाएगी।” यह पॉलिसी यह केंद्रीय राज्य अधिनियम के तहत स्थापित या निगमित सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 की धारा 2 एफ के तहत यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों पर प्रभावी होती है।
क्या है फीस वापसी के नियम?
छात्र एडमिशन करवाने के 15 दिन के भीतर या इससे पहले एडमिशन रद्द करता है तो उसे 100% वापस की जाएगी। एडमिशन की तारीख से 15 दिन से अधिक होने पर 90% फीस, 30 दिन या उससे कम होने पर 50% फीस और 30 दिन से अधिक दिन होने पर 0% फीस वापसी की जाएगी।