UGC UG Admission 2022 : शिक्षा व्यवस्था में लगातार बदलाव लाए जा रहे हैं। दरअसल नई शिक्षा नीति जारी होने के बाद अब ग्रेजुएशन को 4 साल का कर दिया गया है। जिसके बाद सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में यूजी कोर्स को लेकर नियम तैयार किए जा रहे हैं। अब इसके लिए अंडरग्रैजुएट कोर्सेज की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है।
दरअसल अभी तक बीए बीएससी और बीकॉम करने वाले को 3 साल में ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाती थी। अगले साल से ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए 4 साल तक पढ़ाई करना अनिवार्य होगा। यूजीसी द्वारा फोर ईयर प्रोग्राम की रुपरेखा तैयार कर ली गई है। 2023-24 में सभी विश्वविद्यालय में से लागू किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक यूजीसी द्वारा अगले सप्ताह सभी विश्वविद्यालय से 4 वर्षीय कोर्स के नियम तैयार कर लिए जाएंगे।
45 केंद्रीय विश्वविद्यालय में होंगे लागू
जानकारी के मुताबिक देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय में इसे लागू किया जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ ही अधिकांश राज्यस्तरीय और विश्वविद्यालय में भी 4 वर्षीय कोर्स लागू करने की तैयारी की गई है। देश के डीम्ड यूनिवर्सिटी को भी इसे अपनाने के निर्देश दिए गए।
मामले में यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि 4 वर्षीय अंडरग्रैजुएट कोर्स की स्कीम जल्द सार्वजनिक कर दी जाएगी। यूजीसी के मुताबिक सभी छात्र के लिए पाठ्यक्रम मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा छात्र पहले से चले आ रहे 3 वर्षीय ग्रेजुएट कार्यक्रम को भी जारी रख सकेंगे। यूजीसी के पूर्व चेयरमैन की माने तो पहले से दाखिला ले चुके छात्रों को भी 4 वर्षीय पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने की सुविधा दी जा सकेगी। ऐसे छात्र, जो प्रथम या द्वितीय वर्ष में है। वह 4 वर्षीय पाठ्यक्रम का विकल्प चुन सकेंगे।
यह रहेंगे नियम
4 वर्षीय स्नातक वाले कार्यक्रम के बाद 2 साल के पीजी और एमफिल करने वाले छात्रों के लिए पीएचडी में दाखिले के लिए 55% अंक लाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय को भी नियम कैसे बनाने की छूट दी जाएगी। विश्वविद्यालय के अकादमी परिषद और एग्जीक्यूटिव काउंसिल में इसको लेकर आवश्यक नियम तय किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय यदि चाहे तो अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों को भी 4 वर्षीय स्नातक के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर दे सकते हैं।