रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य के कर्मचारियों का 6 प्रतिशत फिर महंगाई भत्ता बढ़ने वाला है। सीएम भूपेश बघेल ने 6% महंगाई भत्ते को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।वर्तमान में कर्मचारियों को 22% डीए का लाभ मिल रहा है, इस बढ़ोतरी के बाद यह 28% हो जाएगा। वही मुख्यमंत्री ने सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा (एचआरए) बढ़ाने की मांग पर भी सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया है।
दरअसल, शनिवार देर रात छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री निवास पर सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की और महंगाई भत्ता, सांतवे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता को पुनरीक्षित करने सहित छह सूत्रीय मांग पर विस्तार से चर्चा की।संघ ने मुख्यमंत्री के समक्ष कर्मचारियों को देय तिथी से 12% DA तथा सातवे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग को प्रमुखता से रखा, मुख्यमंत्री ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए 6 प्रतिशत डीए बढाने पर सहमति दी।
इस पर महासंघ ने देय तिथि से देने एवम एरियर राशि को भविष्य निधि में जमा करने तथा शेष किश्त दिवाली तक देने एवम गृह भाड़ा भत्ता को पुनरीक्षित करने का अनुरोध किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए मुख्यसचिव से चर्चा करने की बात कही। हड़ताल अवधि को अवकाश में शामिल करने की महासंघ की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 अगस्त से प्रस्तावित हड़ताल पर यदि नहीं जाते हैं तो इस मांग पर भी विचार किया जाएगा।
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दरअसल, वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को 22% महंगाई भत्ते का लाभ मिल रहा है, जबकी मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में कर्मचारियों को केन्द्र के समान 34% DA का लाभ दिया जा रहा है। कर्मचारियों का तर्क है कि केंद्र सरकार 34% DA दे रही है, जबकि राज्य सरकार केवल 22% दे रही है। इसी तरह केंद्रीय कर्मियों को एचआरए सातवें वेतनमान के अनुसार मिल रहा है, जबकि राज्य के कर्मचारियों को अभी भी छठवें वेतनमान के अनुसार मिल रहा है, ऐसे में राज्य के कर्मचारी केंद्रीय कर्मियों के समान 34% डीए और सातवें वेतनमान के अनुसार HRA की मांग कर रहे हैं।
बता दे कि केंद्र के समान डीए और एचआरए की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी, अधिकारी लंबे समय से आंदोलन की राह पर है। बीते दिनों कर्मचारी धरना प्रदर्शन और रैली निकालकर अपना विरोध जता चुके है। वही कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था, इसकी सूचना चीफ सिकरेट्री को भी दे दी गई थी। हड़ताल को सफल बनाने प्रदेश के सभी जिलों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे, 16 से 18 अगस्त तक सभी कार्यालयों में हड़ताल सूचना दी जानी थी, लेकिन इसके पहले ही सीएम ने सहमति दे दी।ऐसे में माना जा रहा है कि हड़ताल टाली जा सकती है।