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Mon, Dec 15, 2025

न आटा है, न दाल है, घर का बुरा हाल है… छत्तीसगढ़ में एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल, जानें उनकी प्रमुख मांगें”

Written by:Saurabh Singh
हड़ताल के कारण शासकीय अस्पतालों में संस्थागत प्रसव, पैथोलॉजी जांच, टीबी-कुष्ठ-मलेरिया जांच, ओपीडी, नवजात शिशु देखभाल, आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण पुनर्वास केंद्र, वृद्ध स्वास्थ्य परीक्षण और एनसीडी स्क्रीनिंग जैसी सेवाएं पूरी तरह ठप हैं।
न आटा है, न दाल है, घर का बुरा हाल है… छत्तीसगढ़ में एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल, जानें उनकी प्रमुख मांगें”

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 13वें दिन भी जारी रही। बालोद जिला मुख्यालय में प्रदर्शन के दौरान एक मासूम बच्ची की तस्वीर ने सबका ध्यान खींचा, जिसके हाथ में तख्ती थी, “न आटा है न दाल है, घर का बुरा हाल है, संविदा ने बिगाड़ा हाल है.” यह दृश्य कर्मचारियों की मजबूरी और उनके परिवारों की दयनीय स्थिति को उजागर करता है। कर्मचारियों का कहना है कि यह आंदोलन शौक नहीं, बल्कि मजबूरी का नतीजा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में 160 से ज्यादा ज्ञापन शासन को सौंपे गए, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने से वे हड़ताल पर उतर आए।

प्रदेश के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी नियमितीकरण, ग्रेड पे, 27% लंबित वेतन वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर डटे हैं। स्वास्थ्य सचिव ने ड्यूटी जॉइन करने की चेतावनी दी है, जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई है। बावजूद इसके, कर्मचारियों का उत्साह कम नहीं हुआ। उनका कहना है कि जब तक मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच, सांसद विजय बघेल ने कर्मचारियों की मांगों को जायज ठहराते हुए सरकार से घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने की बात कही और मुख्यमंत्री व मंत्रियों से चर्चा का आश्वासन दिया।

स्वास्थ्य सेवाएं ठप; ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मार

हड़ताल के कारण शासकीय अस्पतालों में संस्थागत प्रसव, पैथोलॉजी जांच, टीबी-कुष्ठ-मलेरिया जांच, ओपीडी, नवजात शिशु देखभाल, आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण पुनर्वास केंद्र, वृद्ध स्वास्थ्य परीक्षण और एनसीडी स्क्रीनिंग जैसी सेवाएं पूरी तरह ठप हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति गंभीर है, क्योंकि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भी हड़ताल में शामिल हैं, जिससे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की ओपीडी बंद है। इस संकट ने ग्रामीणों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कांग्रेस का विरोध और बिलासपुर में तनाव

कांग्रेस ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों के समर्थन में बयान दिया। संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार ने नियमितीकरण और वेतन वृद्धि के वादे किए, लेकिन अब धमकियां दी जा रही हैं। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अलोकतांत्रिक कदम उठाए गए तो वे आंदोलन करेंगे। उधर, बिलासपुर में पूर्व सीएम रमन सिंह से मुलाकात न होने पर गुस्साए कर्मचारियों ने नारेबाजी की। पुलिस ने एनएचएम कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद कर्मचारी सिविल लाइन थाने पर जमा हो गए और रिहाई की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया।