रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। छत्तीसगढ़ के हजारों अनियमित व संविदा कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। ओडिशा, राजस्थान और पंजाब के बाद अब राज्य सरकार ने इन कर्मचारियों को रेगुलर करने की तैयारी शुरू कर दी है।इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागों को पत्र लिखकर कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आगामी चुनावों से पहले राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश के संविदा और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले महीने सभी विभागों को पत्र लिखकर सभी अनियमित और संविदा कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। पूरा डेटा मिलने के तुरंत बाद वित्त विभाग आंकलन करेगा और फिर फाइल सीएम के पास भेजी जाएगी। ।
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संभावना है कि दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अगर कर्मचारियों को नियमित किया जाता है तो इसका लाभ 45000 कर्मचारियों को मिलेगा और शासन पर करीब 700-800 करोड़ रुपए सालाना भार आएगा।बता दे कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के पहले अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया गया था, लेकिन लंबा समय बीतने के बावजूद भी इस वादे को अबतक पूरा नहीं किया गया है, लेकिन आगामी चुनावों से पहले कर्मचारियों को नियमित करने की सुगबुगाहट फिर तेज हो गई है, हालांकि इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है।
ये रहेंगे नियम
अनियमित, दैनिक वेतनभोगी, संविदा में प्रक्रिया का पालन किया गया हो।उपरोक्त कर्मचारी पद की निर्धारित शैक्षणिक, तकनीकी योग्यता रखते हैं। जिन पदों पर नियमितीकरण, वह विभाग की पद संरचना में स्वीकृत हैं। वर्तमान में कार्यरत पद पर क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है।कर्मचारी किस पद पर, अभी क्या वेतन, उसी नियमित पद पर क्या वेतन?
राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को एक पत्र लिखा है और इसमें अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है।उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस ने 2018 के चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन 3 वर्ष पूर्व दिसंबर 2019 को सरकार ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया के तहत एक समिति गठित की थी, लेकिन कुछ नही हुआ । 2021 में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अबतक फैसला नहीं हो पाया है।