भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 24 घंटे के स्वास्थ्य आग्रह (Insist On Health) पर है। मिंटो हॉल के पास गांधी प्रतिमा के नजदीक वे मंगलवार दोपहर 12.30 बजे से लगातार कोरोना के खिलाफ अलख जगाकर मध्य प्रदेश में जन जागरूकता का आग्रह कर रहे हैं। आखिर क्या वजह है कि शिवराज को यह बड़ा कदम उठाने का निर्णय लेना पड़ा।
Chief Minister शिवराज का 24 घंटे का स्वास्थ्य आग्रह मंगलवार को गांधी प्रतिमा के पास
19 सितंबर 2020.. मध्यप्रदेश में यह दिन कोरोना की दृष्टि से सबसे घातक था। इस दिन को रोना के 2660 टेस्ट पॉजिटिव आये थे। स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले पीक माना था यानी कोरोना संक्रमण का शिखर। धीरे-धीरे वह संख्या घटती गई और 10 फरवरी तक पहुंचते-पहुंचते संख्या लगभग डेढ़ सौ तक सीमित हो गई। लेकिन अब यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है और मंगलवार को यह संख्या 3722 हो गई यानी पहली पीक से 25 फ़ीसदी ज़्यादा। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जरूरी नहीं कि यह पीक हो या शिखर हो बल्कि यह संख्या अभी और आगे बढ़ सकती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का मानना है कि कोरोना से लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई बल्कि अभी यह और आगे चलेगी। 23 फरवरी के सप्ताह में केवल 1827 पॉजिटिव केस आये थे 6 अप्रैल को खत्म हो रहे सप्ताह में यह संख्या 20792 है। यानी फरवरी से अप्रैल तक के बीच में करीब 12 गुना मामले बढ़ गए। केसों की संख्या भी 2151 से बढ़कर 24155 हो गई। पूरे मध्यप्रदेश की अगर बात करें तो सबसे ज्यादा केस इंदौर जिले में है ।पूरे प्रदेश के 24% केस अकेले इंदौर के हैं और यहां पॉजिटिविटी रेट लगभग 15% है। पूरे मध्यप्रदेश के 17% मामले लेकर भोपाल दूसरे स्थान पर है लेकिन यहां पॉजिटिविटी रेट लगभग 20% है। देवास में सबसे ज्यादा 28% की पॉजिटिविटी है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो 5% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट का मतलब है कि उस क्षेत्र में बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है और मध्य प्रदेश के कई शहरों के पॉजिटिविटी के आंकड़े निश्चित रूप से चिंता में डालने वाले हैं ।अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का यह भी कहना है कि कई लोगों का यह मानना कि कोरोना पहले से ज्यादा खतरनाक नहीं है, बिल्कुल गलत है और पहले जहां 25 फ़ीसदी लोगों को हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी वहां अब यह संख्या लगभग 28% हो गई है। यह सब आंकड़े यह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण किस गति के साथ में आगे बढ रहा है और अगर अभी भी हम नहीं जागे तो हालात बेकाबू हो जाएंगे।
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मुख्यमंत्री का साफ मानना है कि सरकार के पास इलाज की समुचित व्यवस्थाएं हैं लेकिन अगर जन जागृति का अभाव रहा तो निश्चित रूप से हालात ठीक नहीं होंगे और इसलिए उन्होंने व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया। शिवराज के दो निर्णय ‘मास्क नहीं तो बात नहीं’ और ‘मैं भी कोरोना वॉलिंटियर’ बहुत तेजी के साथ लोकप्रिय हो रहे हैं ।अब तक 10000 से ज्यादा वॉलिंटियर रजिस्टर्ड हो चुके हो चुके हैं जो कोरोना के प्रति जागृति फैलाने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि उनके इस स्वास्थ्य आग्रह अभियान से लोगों के बीच कोरोना के प्रति जनजागरूकता पैदा होगी और हम कोरोना को हरा कर दम लेंगे।
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शिवराज स्वास्थ्य आग्रह के दौरान न केवल विभिन्न धर्म के धर्मगुरु से मुलाकात कर रहे हैं बल्कि सामाजिक संगठनों के साथ भी बैठक कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कैबिनेट की वर्चुअल बैठक भी की। साथ ही साथ नियमित रूप से होने वाली कोरोना समीक्षा बैठक भी इस कार्यक्रम स्थल पर की जा रही है ।शिवराज की लोगों से मुलाकात का दौर देर रात तक चलेगा और कल सुबह से एक बार फिर शुरू होगा।